साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में हेमेटोपोइएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण (HSCT) कराने वाले मरीजों के दीर्घकालिक परिणामों का विश्लेषण किया गया है। इस अध्ययन का उद्देश्य यह समझना है कि प्रत्यारोपित स्टेम कोशिकाएँ समय के साथ कैसे विकसित और उत्परिवर्तित होती हैं।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष
- उत्परिवर्तन दर: इस शोध में दानकर्त्ताओं और प्राप्तकर्त्ताओं के 16 जोड़ों को शामिल किया गया। इसमें आश्चर्यजनक रूप से उत्परिवर्तन दर काफी कम पाई गई: दानकर्त्ताओं में औसतन 2% और प्राप्तकर्त्ताओं में 2.6% प्रतिवर्ष।
- क्लोनल विस्तार: यह खोज दशकों तक स्टेम कोशिकाओं के स्थिर क्लोनल विस्तार का संकेत देती है, जो यह दर्शाती है कि सभी दाताओं ने क्लोनल हेमेटोपोइसिस का कुछ स्तर प्रदर्शित किया। व्यापक क्लोनल विस्तार की अनुपस्थिति अस्थि मज्जा की मजबूत पुनर्योजी क्षमता को इंगित करती है।
निहितार्थ
- दीर्घकालिक प्रत्यारोपण परिणामों में सुधार: यह अध्ययन दीर्घकालिक प्रत्यारोपण परिणामों में सुधार के लिए महत्त्वपूर्ण है।
- रक्त कैंसर का जोखिम: क्लोनल हेमेटोपोइसिस की उपस्थिति के कारण प्राप्तकर्त्ताओं में रक्त कैंसर या दीर्घकालिक रोग विकसित होने का संभावित जोखिम बढ़ सकता है।
- नोट: क्लोनल हेमेटोपोइसिस तब होती है जब रक्त प्रणाली में एक प्रकार की रक्त कोशिका की संख्या अन्य प्रकारों की तुलना में बढ़ जाती है। सामान्य उदाहरणों में क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया और मायलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम (MDS) शामिल हैं।
हेमेटोपोइएटिक स्टेम कोशिकाएँ (HSC)
- स्टेम कोशिकाएँ: ये विशेष कोशिकाएँ हैं जो अन्य विशिष्ट कार्य करने वाली कोशिकाओं में विकसित हो सकती हैं।
- हेमेटोपोइएटिक स्टेम सेल (HSC): ये अपरिपक्व कोशिकाएँ हैं जो सभी प्रकार की रक्त कोशिकाओं, जैसे श्वेत रक्त कोशिकाएँ, लाल रक्त कोशिकाएँ और प्लेटलेट्स में विकसित होने में सक्षम हैं। HSC को पहली बार 1950 के दशक में मनुष्यों में उपयोग के लिए खोजा गया था।
- स्थान: हेमेटोपोइएटिक स्टेम कोशिकाएँ परिधीय रक्त और अस्थि मज्जा में स्थित होती हैं, जिन्हें रक्त स्टेम कोशिकाएँ भी कहा जाता है।
HSCT का प्रत्यारोपण
- उद्देश्य: निष्क्रिय या क्षीण अस्थि मज्जा वाले रोगियों को स्वस्थ हेमेटोपोइटिक स्टेम कोशिकाएँ प्रदान की जाती हैं।
- फायदा: हेमेटोपोइटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण से रक्त कैंसर से पीड़ित लोगों की जान बचाई जा सकती है। प्रत्यारोपण के बाद, दान की गई स्टेम कोशिकाएँ प्राप्तकर्ता की रक्त कोशिका उत्पादन प्रणाली को संतुलित करने में मदद करती हैं।