हाल ही में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के मिशन गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष ने घोषणा की कि भारत क्वांटम संचार को सक्षम करने के लिए अगले 2-3 वर्षों के भीतर एक क्वांटम उपग्रह लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
क्वांटम उपग्रह
- क्वांटम उपग्रह एक संचार उपग्रह है जो अपने संकेतों को सुरक्षित करने के लिये क्वांटम भौतिकी का उपयोग करता है, जिससे यह अवरोधन के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी हो जाता है।
- यह क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (एक विधि जो डेटा को एन्क्रिप्ट और संचारित करने के लिये क्वांटम यांत्रिकी का उपयोग करती है), विशेष रूप से क्वांटम की-डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) का उपयोग करता है, ताकि संचरण के दौरान छिपकर सुनने की क्षमता का पता लगाकर डेटा की सुरक्षा की जा सके।
क्वांटम क्रिप्टोग्राफी
- एन्क्रिप्शन बेसिक्स: संदेशों को पारंपरिक एन्क्रिप्शन तकनीकों, जैसे कि सीज़र साइफर का उपयोग करके एक सीक्रेट कोड में इनकोड किया जाता है। बिना कुंजी के संदेश को डिकोड नहीं किया जा सकता है।हालाँकि, ये विधियाँ क्वांटम कंप्यूटरों के लिये असुरक्षित हैं, जो पारंपरिक सुपर कंप्यूटरों की तुलना में कोड को अधिक तेज़ी से क्रैक कर सकते हैं।
- क्वांटम एन्क्रिप्शन: यह संदेशों को सुरक्षित करने के लिये क्वांटम की-डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) का उपयोग करता है।क्वांटम मापन में, जब किसी क्वांटम प्रणाली, जैसे कि फोटॉन (प्रकाश का एक छोटा कण) को मापा जाता है, तो उसकी अवस्था बदल जाती है।यदि कोई गुप्तचर कुंजी ले जाने वाले फोटॉन को मापने का प्रयास करता है, तो यह हस्तक्षेप फोटॉन की स्थिति को बदल देता है। परिणामस्वरूप, संचार करने वाले वैध पक्ष तुरंत पता लगा लेंगे कि कुंजी/की में परिवर्तन किया गया है। इसके अलावा, क्वांटम एंटैंगलमेंट के कारण एक फोटॉन में कोई भी परिवर्तन करने से दूसरे पर तुरंत प्रभाव पड़ता है, जिससे गुप्त रूप से डेटा में परिवर्तन करना असंभव हो जाता है।किसी भी अवरोधन की पहचान करके, QKD “बिना शर्त सुरक्षा (Unconditional Security)” प्रदान करता है और सुरक्षित संचार की गारंटी देता है।
- QKD में वैश्विक विकास: चीन वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा QKD नेटवर्क संचालित करता है, जिसमें तीन क्वांटम उपग्रह और चार ग्राउंड स्टेशन शामिल हैं।भारत उपग्रह-आधारित QKD नेटवर्क की योजना के साथ अपने क्वांटम संचार प्रयोगों को आगे बढ़ा रहा है। रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट, बंगलुरू द्वारा किये गए अध्ययन से पता चलता है कि हानले, लद्दाख स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला ऐसी प्रणाली के लिये आदर्श परिस्थितियाँ प्रदान करती है।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 300 मीटर की दूरी पर मुक्त-अंतरिक्ष क्वांटम संचार का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।संयुक्त राष्ट्र (UN) ने क्वांटम विज्ञान और इसके अनुप्रयोगों के महत्त्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिये वर्ष 2025 को ‘क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष’ घोषित किया है।
क्वांटम कुंजी वितरण की सीमाएँ
- तकनीकी परिपक्वता: भारत में यह तकनीक अभी भी प्रायोगिक चरण में है, और बड़े पैमाने पर QKD नेटवर्क का व्यावसायिक कार्यान्वयन अभी तक संभव नहीं है।
- बुनियादी ढाँचे की लागत: QKD को क्रियान्वित करने के लिये विशेष हार्डवेयर और बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता होती है, जिससे पारंपरिक क्रिप्टोग्राफी विधियों की तुलना में लागत बढ़ जाती है।
- एकीकरण: QKD को मौजूदा संचार नेटवर्क के साथ एकीकृत करना और पारंपरिक एन्क्रिप्शन प्रणालियों के साथ संगतता सुनिश्चित करना एक महत्त्वपूर्ण तकनीकी चुनौती प्रस्तुत करता है।
- प्रमाणीकरण का अभाव: QKD संचरण के स्रोत को प्रमाणित करने के लिये एक विश्वसनीय साधन प्रदान नहीं करता है, जिससे यह संभावित खतरों के प्रति संवेदनशील हो जाता है, जहाँ एक विरोधी एक वैध पक्ष का प्रतिरूपण कर सकता है।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन
- वर्ष 2023-24 से वर्ष 2030-31 तक 60,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ वर्ष 2023 में लॉन्च किये गए NQM का उद्देश्य भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाना और भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों (QTA) में वैश्विक नेतृत्वकर्त्ता के रूप में स्थापित करना है।
- उद्देश्य: NQM का लक्ष्य सुपरकंडक्टिंग और फोटोनिक प्लेटफार्मों का उपयोग करके क्वांटम कंप्यूटर विकसित करना (8 वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट (क्वांटम बिट्स) के साथ मध्यवर्ती-स्तरीय क्वांटम कंप्यूटर का निर्माण करना) है।यह भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 2000 किलोमीटर के भीतर उपग्रह-आधारित सुरक्षित क्वांटम संचार स्थापित करेगा।NQM 2000 किलोमीटर से अधिक के इंटर-सिटी क्वांटम कुंजी वितरण का समर्थन करेगा और मल्टी-नोड क्वांटम नेटवर्क विकसित करेगा। यह सटीक अनुप्रयोगों के लिये परमाणु घड़ियों के निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
- महत्त्व: NQM का लक्ष्य भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेतृत्वकर्त्ता के रूप में स्थापित करना है, जो वर्तमान प्रणालियों से परे उन्नत क्षमताओं के साथ पारंपरिक भौतिकी की सीमाओं को पार करेगा।
- राष्ट्रीय प्राथमिकताएँ: NQM डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित है और उनका सहायक है।
- कार्यान्वयन: इस मिशन के अंतर्गत शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के सहयोग से चार विषयगत केंद्र स्थापित किये जाएँगे। इन केंद्रों के कार्यक्षेत्र क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग व मेट्रोलॉजी तथा क्वांटम सामग्री एवं उपकरण होंगे।क्वांटम प्रौद्योगिकी को अग्रगामी बनाकर ये केंद्र अभिनव ज्ञान और अनुसंधान को बढ़ावा देंगे।
- क्षेत्रीय प्रभाव: इस मिशन से संचार, स्वास्थ्य, वित्तीय सेवाएँ, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों को लाभ होगा। इसके विशिष्ट अनुप्रयोगों में औषधि डिज़ाइन, अंतरिक्ष अन्वेषण और बैंकिंग और सुरक्षा शामिल हैं।