रवि. मई 19th, 2024

भारत और नेपाल के बीच ‘जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास सीमा पार रेल लाईन’ के दूसरे खंड ‘कुर्था-बिजलपुरा रेलखंड’ को 16 जुलाई 2023 से व्यापार के लिए खोल दिया गया।भारत सरकार ‘जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास सीमा पार रेललाइन’ के दूसरे चरण ‘कुर्था-बिजलपुरा लाइन’ के निर्माण के लिए अनुदान सहायता प्रदान कर रही है, जिसकी कुल परियोजना लागत 783.83 करोड़ रुपये है।जून 2023 में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की भारत यात्रा के दौरान’ कुर्था-बिजलपुरा रेलखंड’ नेपाल सरकार को सौंप दिया गया था।अप्रैल 2022 में ‘जयनगर से कुर्था तक का पहला चरण’ आधिकारिक तौर पर खोला गया था और तब से इसका उपयोग किया जा रहा है। तीसरे चरण के लिए अभी भी भूमिका अधिग्रहण किया जा रहा है, जो बिजलपुरा और बरदीबास को जोड़ेगा।’कुर्था-बिजलपुरा लाइन’ की कुल लंबाई 17.3 किलोमीटर है और इस खंड पर पांच स्टेशन कुर्था, पिपरादी, लोहारपट्टी, सिंग्याही और बिजलपुरा हैं।यह रेल खंड 68.7 किलोमीटर लंबी ‘जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास सीमा पार रेललाइन परियोजना’ का दूसरा चरण है।

जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास सीमा पार रेललाइन परियोजना

  • यह परियोजना इरकॉन द्वारा शुरू की जा रही है और सभी रेल इंजीनियरिंग और बुनियादी ढांचे के काम पूरे हो चुके हैं।
  • इस मार्ग पर रेल सेवा संचालित करने के लिए ‘कोंकण रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (KRCL) द्वारा1600 एचपी डेमू यात्री रैक के 2 सेट की आपूर्ति की गई है।
  • नेपाल रेलवे कंपनी द्वारा KRCL को इस लाइन के संचालन और रखरखाव को चलाने के लिए तब तक विचार किया जा रहा है जब तक कि नेपाल रेलवे कंपनी स्वयं ऐसा करने में सक्षम न हो जाए।
  • भारत सरकार द्वारा यात्री ट्रेन परिचालन शुरू करने के लिए एक ‘मसौदा मानक संचालन प्रक्रिया’ (SOP) तैयार किया गया है और नेपाल रेलवे के साथ साझा किया गया है।
  • भारतीय रेलवे नेपाल रेलवे कंपनी के साथ जानकारी, संचालन और रखरखाव प्रक्रियाओं को साझा करने के साथ-साथ नेपाल के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान कर के बी.जी.सेवा (BG service) चलाने में नेपाल को पूर्ण सहयोग दे रहा है।
  • ‘जयनगर- कुर्था-बरदीबास’ के बीच रेल सेवा शुरू करने के लिए नेपाल और भारत दोनों मिल कर काम कर रहे हैं।
  • यह नेपाल में पहली ब्रॉडगेज यात्री रेल सेवा होगी। इससे पहले 2014 तक जयनगर और जनकपुर के बीच नेपाल द्वारा संचालित नैरोगेज सेवा चल रही थी।
  • जयनगर भारत-नेपाल सीमा से 4 किमी दूर है। इस मार्ग पर नेपाल का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल जनकपुर है, जो जयनगर से 29 किलोमीटर दूर है।
  • इस परियोजना के पहले चरण के रूप में बिहार के मधुबनी जिले के जयनगर से रेललाइन को नेपाल के कुर्था से जोड़ा गया है।
  • जयनगर-कुर्था खंड की लंबाई 34.90 किमी है।
  • यह ‘जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास रेल (68.72किमी) परियोजना’का एक हिस्सा है जिसे पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
  • भारत सरकार दूसरे चरण’ कुर्था-बिजलपुरा लाइन’ के निर्माण के लिए अनुदान सहायता प्रदान कर रही है, जिसकी कुल परियोजना लागत 783.83 करोड़ रुपये है।
  • नेपाल सरकार द्वारा परियोजना के लिए जमीन सौंपने के बाद बिजलपुरा के बाद बरदीबास तक नई लाइन का निर्माण किया जाएगा।
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