संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में विश्व भर में महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है।यू.एन. वीमेन और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा संयुक्त रूप से किये गए व्यापक विश्लेषण में महिला सशक्तीकरण सूचकांक (Women’s Empowerment Index- WEI) और वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक (Global Gender Parity Index- GGPI) के आधार पर 114 देशों का मूल्यांकन किया गया है।मौजूदा निष्कर्ष कमियों को दूर करने और अधिक न्यायसंगत एवं समावेशी विश्व की दिशा में प्रगति को बढ़ावा देने हेतु व्यापक नीति की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हैं।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- विश्व स्तर पर केवल 1% महिलाएँ उच्च महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता वाले देशों में रहती हैं।
- नेतृत्व भूमिका और निर्णय-प्रक्रिया मुख्य रूप से पुरुष-प्रधान बनी हुई है जिससे महिलाओं के लिये अवसर सीमित हो गए हैं।
- WEI के अनुसार, महिलाएँ औसतन अपनी पूरी क्षमता का केवल 60% ही प्राप्त कर पाती हैं।
- GGPI के अनुसार, मानव विकास के प्रमुख आयामों में महिलाएँ पुरुषों की तुलना में 28% पीछे हैं।
- विश्लेषण किये गए 114 देशों में से किसी ने भी पूर्ण महिला सशक्तीकरण या लैंगिक समानता प्राप्त नहीं की।
- विश्व स्तर पर 90% से अधिक महिलाएँ उन देशों में रहती हैं जो लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण प्राप्त करने में खराब या औसत दर्जे का प्रदर्शन करती हैं।
- अत्यधिक विकसित देशों में भी लैंगिक समानता की चुनौतियाँ बरकरार हैं। विश्लेषण किये गए 114 देशों में से 85 से अधिक, जिनमें आधे से अधिक उच्च या उच्चतर मानव विकास श्रेणियों में शामिल हैं, कम या मध्यम महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता दर्शाते हैं। अर्थात् केवल आर्थिक प्रगति ही लैंगिक समानता सुनिश्चित नहीं करती।
- मध्यम मानव विकास के बावजूद भारत में महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता कम है, जो लैंगिक अंतर को समाप्त करने तथा महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने के लिये ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
- केवल लैंगिक समानता ही महिला सशक्तीकरण की गारंटी नहीं देती। रिपोर्ट से पता चलता है कि लैंगिक अंतर वाले किसी भी देश ने उच्च महिला सशक्तीकरण की स्थिति प्राप्त नहीं की है।
- इसके अतिरिक्त लगभग 8% महिलाएँ कम सशक्तीकरण लेकिन उच्च लैंगिक समानता वाले देशों में रहती हैं।
यू.एन. वीमेन
- विश्व भर में महिलाओं और लड़कियों की ज़रूरतों तथा उनके अधिकारों को पूरा करने में प्रगति में तीव्रता लाने के लिये संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2010 में यू.एन. वीमेन की स्थापना की गई थी।
- यू.एन. वीमेन, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों का समर्थन करती है क्योंकि यह लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिये वैश्विक मानक निर्धारित करती है, साथ ही महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुँचाने वाले कानूनों, नीतियों, कार्यक्रमों और सेवाओं के डिज़ाइन के साथ उन्हें कार्यान्वित करने के लिये सरकारों तथा नागरिक समाज के साथ काम करती है।
- यू.एन. वीमेन चार प्रमुख रणनीतिक प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करती है: महिलाओं का नेतृत्व और राजनीतिक भागीदारी, महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण, महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना और शांति, सुरक्षा तथा मानवीय कार्रवाई।