शुक्र. नवम्बर 15th, 2024

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से भारत में सभी MBBS छात्रों के लिये प्रस्तावित राष्ट्रीय निकास परीक्षा (NeXT) पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है, इसके लिये अब लाइसेंसिंग परीक्षा और स्नातकोत्तर चयन परीक्षा होगी।NExT मेडिकल लाइसेंसिंग परीक्षा है जिसे मेडिकल स्नातकों की योग्यता का आकलन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। जिन छात्रों ने NMC से मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थानों और विदेशी छात्रों से अपनी मेडिकल डिग्री प्राप्त की है, उन्हें भी राष्ट्रीय निकास परीक्षा क्वालिफाई करनी होगी।भारत में चिकित्सा पेशा के लिये पंजीकरण कराने हेतु उन्हें NExT परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।यह केंद्रीकृत सामान्य परीक्षा, इस उद्देश्य के लिये आयोग द्वारा गठित एक निकाय द्वारा आयोजित की जाएगी।राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2022 ‘चिकित्सा विज्ञान में परीक्षा बोर्ड’ का प्रस्ताव करता है, जो प्रभावी होने पर NExT परीक्षा आयोजित करने के लिये  ज़िम्मेदार होगा।NExT, FMGE और NEET PG जैसी परीक्षाओं का स्थान लेगा। NExT में दो अलग-अलग परीक्षाएँ होंगी जिन्हें ‘स्टेप्स’ कहा जाएगा।प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बशर्ते उम्मीदवार MBBS में शामिल होने के 10 वर्ष के भीतर दोनों चरणों में उत्तीर्ण हो।

IMA की चिंताएँ 

  • भारत के लगभग 50% मेडिकल कॉलेज पिछले 10-15 वर्षों में स्थापित किये गए हैं और हो सकता है कि उनमें पुराने संस्थानों के समान स्तर के सुप्रशिक्षित शिक्षक और प्रणालियाँ न हों। अतः इन नए कॉलेजों के मानकों की तुलना अधिक स्थापित कॉलेजों से करना उचित नहीं हो सकता है।
  • IMA के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के माध्यम से NExT का संचालन वर्तमान में स्थापित मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को हानि पहुँचा सकता है।
  • वे 30% से अधिक के न्यूनतम उत्तीर्ण अंक का समर्थन करते हैं और सुझाव देते हैं कि लाइसेंसिंग परीक्षा का ध्यान चुनौतीपूर्ण प्रश्नों को शामिल करने के बजाय न्यूनतम मानक का आकलन करने पर होना चाहिये।
  • इसके अतिरिक्त IMA  इस बात पर ज़ोर देता है कि सबसे मेधावी छात्रों का मूल्यांकन करने के लिये स्नातकोत्तर मेडिकल प्रवेश परीक्षा NExT द्वारा नहीं ली जानी चाहिये।

भारत में चिकित्सा शिक्षा के मानक

  • भारत में सभी चिकित्सा संस्थानों में MBBS सहित स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश तभी होता है जब छात्र राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित NEET की परीक्षा पास कर लेता है।
  • नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज़ (NBEMS) पोस्ट ग्रेजुएशन (NEET PG) के लिये परीक्षा आयोजित करवाता है।
  • नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा प्रतिस्थापित मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI), भारत में मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देती है।
  • प्रत्यायन यह सुनिश्चित करता है कि कॉलेज बुनियादी ढाँचे, संकाय, सुविधाओं और पाठ्यक्रम के निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं। हालाँकि ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहाँ कॉलेज इन मानकों को पूरा करने में विफल रहे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चिंताएँ पैदा हुईं।
  • हाल के वर्षों में कॉलेजों में मेडिकल (MBBS) की उपलब्ध सीटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2023 तक 60,000 से बढ़कर 1,04,333 हो गई है। इन सीटों में से 54,278 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों को आवंटित की गई हैं, जबकि शेष 50,315 निजी मेडिकल कॉलेजों के लिये नामित हैं।
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