- स्थानीय शिल्प कौशल और कृषि विरासत की एक महत्वपूर्ण मान्यता में, राजौरी (जम्मू और कश्मीर )जिले के राजौरी चिकरी वुड क्राफ्ट और अनंतनाग जिले के बेशकीमती मुश्कबुदजी चावल की किस्म को भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग दिया गया है।
- ये लेबल इन उत्पादों की अनूठी प्रकृति और अद्वितीय गुणों को सूचित करते हैं, और उनकी मूल स्थलों की पहचान कराते हैं।
- यह उपलब्धि नाबार्ड, हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग और कृषि विभाग को शामिल करते हुए एक सहयोगी प्रयास का परिणाम है, जो दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था।
- कश्मीर के उच्च भू-मंडल से प्राप्त होने वाला, विशेष रूप से अनंतनाग जिले का मुख्य किराणा धान जिन्हें मुश्कबुद्जी चावल कहा जाता है, प्रीमियम खुशबदार शॉर्ट बोल्ड चावल की प्रमुख जाति के रूप में आता है।
- जब पकाया जाता है, तो यह चावल एक आकर्षक स्वाद, गंध और संवेदनात्मक गुणों के मिश्रण के साथ मोहक रूप में चमकता है, जो वास्तव में अलग है।
Geographical Indication
- GI का पूरा मतलब Geographical Indication यानी भौगोलिक संकेत. जीआई टैग (GI Tag) एक प्रतीक है, जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है.
- जीआई टैग उत्पाद की विशेषता बताता है. आसान शब्दों में कहें तो जीआई टैग बताता है कि विशेष उत्पाद किस जगह पैदा होता है या इसे कहां बनाया जाता है.
- यह उन उत्पादों को ही दिया जाता है, जो अपने क्षेत्र की विशेषता रखते हों, ये कहें कि वह सिर्फ उसी क्षेत्र में पैदा होते हों या बनाए जाते हों.
- भारत की संसद ने वर्ष 1999 में रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्स’ लागू किया था.
- 2003 में जीआई टैग देने की शुरुआत हुई थी. साल 2004 में सबसे पहले पश्चिम बंगाल की दार्जलिंग चाय को जीआई टैग दिया गया था.