भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा स्थापित एक शोध निकाय सेंटर फॉर एडवांस्ड फाइनेंशियल रिसर्च एंड लर्निंग (CAFRAL) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिये बैंक वित्तपोषण में बढ़ते जोखिम को रेखांकित करते हुए डिजिटल ऋण परिदृश्य में संभावित खतरों की पहचान की है।CAFRAL ने व्यक्तिगत डेटा एकत्र करने वाले नकली/अवैध डिजिटल ऋण प्रदाता एप्स के विषय में भी चेतावनी दी, जो कि इस डेटा के संभावित दुरुपयोग के साथ ही उपयोगकर्त्ताओं के लिये सुरक्षा जोखिम उत्पन्न करते हैं।
CAFRAL द्वारा उठाई गई प्रमुख चिंताएँ
NBFC क्षेत्र में अन्योन्याश्रित जोखिम
- CAFRAL के अनुसार बैंक ज़्यादातर बड़े NBFC को ऋण देते हैं, जिससे NBFC क्षेत्र में क्रॉस-लेंडिंग में वृद्धि हुई है।
- यह अंतर-निर्भरता और संक्रमण चैनलों का एक नेटवर्क बनाता है जो झटके को बढ़ा सकता है तथा उसे पूरे सिस्टम में प्रसारित कर सकता है।
- उदाहरण के लिये वर्ष 2018 में IL&FS के डिफॉल्ट होने और जून 2019 में DHFL के पतन के कारण तरलता संकट की स्थिति उत्पन्न हुई तथा NBFC के प्रति विश्वास में कमी देखी गई, जिससे उन बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता एवं लाभप्रदता प्रभावित हुई, जिन्होंने उन्हें ऋण दिया था।
NBFC पर संकुचनकारी मौद्रिक नीति का प्रभाव
- CAFRAL ने यह भी पाया कि संकुचनकारी मौद्रिक नीति के कारण NBFC के पोर्टफोलियो में जोखिम बढ़ जाता है।
- जब RBI नीतिगत दर को सीमित करता है, तो NBFC को उच्च उधार लागत और कम लाभप्रदता का सामना करना पड़ता है।
- अपने मार्जिन को बनाए रखने के लिये वे अपने ऋण को असुरक्षित ऋण, सबप्राइम उधारकर्त्ताओं आदि जैसे जोखिम वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित कर देते हैं। वे इक्विटी और म्यूचुअल फंड में निवेश कर पूंजी बाज़ार में अपना जोखिम भी बढ़ाते हैं।
- ये रणनीतियाँ उन्हें उच्च क्रेडिट जोखिम, बाज़ार जोखिम और तरलता जोखिम के संपर्क में लाती हैं, जो उनकी सॉल्वेंसी एवं स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं।
अवैध ऋण प्रदाता एप्स और फिनटेक प्रभाव के विषय में चेतावनियाँ
- ये नकली/अवैध डिजिटल ऋण प्रदाता एप्स, वैध होने का दिखावा करने और संभावित दुरुपयोग के लिये व्यक्तिगत डेटा एकत्र करने के विषय में चेतावनी भी देते हैं।
- उपयोगकर्त्ता इन एप्स की वैधता को आसानी से सत्यापित नहीं कर सकते हैं। इनके बीच मज़बूत संबंध होते हैं तो पारंपरिक बैंकिंग को प्रभावित करने वाले ऑनलाइन ऋण के संभावित नुकसान के विषय में चिंताएँ उत्पन्न करते हैं।
- ये एप अक्सर व्यापक व्यक्तिगत जानकारी का अनुरोध करती हैं जिससे उपभोक्ता की सुरक्षा और गोपनीयता को खतरा होता है, हालाँकि कुछ डेटा वास्तव में आवश्यक हो सकते हैं।
- भारतीय एंड्रॉइड उपयोगकर्त्ताओं के लिये 80 एप स्टोर्स पर लगभग 1100 ऋण प्रदाता एप्स (Lending Apps) की उपलब्धता के साथ फिनटेक (FinTech) ने उत्पाद विविधता में वृद्धि की है।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) ‘कंपनी अधिनियम, 1956’ के तहत पंजीकृत एक कंपनी है जो ऋण, प्रतिभूतियों में निवेश, पट्टे, बीमा जैसी विभिन्न वित्तीय गतिविधियों में संलग्न होती है।
- इसमें वे संस्थान शामिल नहीं हैं जिनका प्राथमिक व्यवसाय कृषि, उद्योग, वस्तु व्यापार, सेवाएँ या अचल संपत्ति व्यापार के अंतर्गत आता है।
- वित्तीय गतिविधि ‘प्रमुख व्यवसाय’ तब कहलाएगी, जब कंपनी की वित्तीय आस्तियाँ कुल आस्तियों की 50 प्रतिशत से अधिक हो और वित्तीय आस्तियों से होने वाली आय कुल आय के 50 प्रतिशत से अधिक हो।
- दोनों मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियों को RBI द्वारा NBFC के रूप में पंजीकृत किया जाता है।
- RBI अधिनियम 1934 के तहत रिज़र्व बैंक को इन NBFC को पंजीकृत करने, नीति निर्धारित करने, निर्देश जारी करने, निरीक्षण, विनियमन, पर्यवेक्षण और निगरानी करने की शक्तियाँ प्राप्त हैं।