शुक्र. मई 17th, 2024

एक नए अध्ययन से पता चला है कि चंद्रमा पूर्वानुमान से लगभग 40 मिलियन वर्ष पुराना है। अपोलो 17 मिशन के हिस्से के रूप में वर्ष 1972 में एकत्र की गई लूनर डस्ट पर आधारित यह खोज, सौरमंडल के इतिहास की हमारी समझ बढ़ाती है।अपोलो 17 फिलहाल चंद्रमा पर अंतिम मानव अभियान है, जिससे अंतरिक्ष यात्री यूजीन सेर्नन और हैरिसन श्मिट चंद्रमा पर कदम रखने वाले अंतिम व्यक्ति बन गए हैं।

अध्ययन के प्रमुख बिंदु

चंद्र आयु पुनर्मूल्यांकन

  • अध्ययन से पता चलता है कि चंद्रमा 4.425 अरब वर्ष के पूर्व अनुमान के बजाय लगभग 40 मिलियन वर्ष पुराना हो सकता है।
  • अब माना जाता है कि इसका निर्माण लगभग 4.46 अरब वर्ष पहले हुआ था, जो इसे हमारे सौरमंडल के प्रारंभिक इतिहास के साथ निकटता से जोड़ता है।

परमाणु जाँच टोमोग्राफी

  • शोधकर्त्ताओं ने नैनोस्केल स्तर पर चंद्र नमूनों का विश्लेषण करने के लिये APT नामक एक अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया।
  • APT ने ज़िरकॉन क्रिस्टल में सीसा क्लस्टरिंग की अधिक सटीक जाँच की अनुमति दी, जिससे चंद्रमा की आयु निर्धारित करने में सहायता मिली।

ज़िरकॉन क्रिस्टल की भूमिका

  • वैज्ञानिकों ने चंद्र नमूने 72255 से क्रिस्टल का पुनः विश्लेषण किया, जिसमें 4.2 अरब वर्ष पुराना ज़िरकॉन पाया गया था।
  • ज़िरकॉन पृथ्वी पर मौजूद सबसे पुराना खनिज है और भूवैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें चंद्रमा के निर्माण सहित ग्रहों के निर्माण के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी है।

विशाल प्रभाव परिकल्पना

  • निष्कर्ष विशाल प्रभाव परिकल्पना का समर्थन करते हैं, जो सुझाव देते हैं कि संभवतः मंगल ग्रह के आकार का थिया नामक एक विशाल पिंड, इसके गठन के दौरान पृथ्वी से टकरा गया, जिससे चंद्रमा का निर्माण हुआ।
  • यह अध्ययन चंद्रमा की आंतरिक संरचना की व्याख्या करते हुए चंद्र मैग्मा महासागर के सिद्धांत के अनुरूप है।

पृथ्वी-चंद्रमा आयु तुलना

  • पृथ्वी का निर्माण 4.5 से 4.6 अरब वर्ष पूर्व होने का अनुमान है। इससे चंद्रमा 4.46 अरब वर्ष पुराना होकर केवल एक अंश छोटा हो जाता है।
  • यह तुलना हमारे सौरमंडल के प्रारंभिक इतिहास और पृथ्वी-चंद्रमा संबंध की गहरी समझ में योगदान देती है।

ज़िरकॉन डेटिंग

  • ज़िरकॉन में क्रिस्टलीकरण के दौरान यूरेनियम शामिल होता है, जो समय के साथ क्षय होकर सीसा बन जाता है। एक अति संवेदनशील माप उपकरण का उपयोग कर ज़िरकॉन में यूरेनियम और सीसे की मात्रा निर्धारित की जा सकती है।
  • तत्पश्चात् यूरेनियम के क्षय से उत्पन्न सीसे के बाद बीते हुए समय की गणना आसानी से की जा सकती है।

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