बुध. मार्च 26th, 2025 1:51:04 AM

कैलेंडर वर्ष 2023 में नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (CAG) द्वारा तैयार केंद्र सरकार के लेखांकन पर केवल 18 अंकेक्षण रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की गईं। वर्ष-वार विश्लेषण से पता चलता है कि केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किये जाने वाले अंकेक्षण की संख्या कम हो रही है।वर्ष 2019 तथा 2023 के बीच प्रत्येक वर्ष औसतन 22 रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं जबकि वर्ष 2014 एवं 2018 के बीच 40 रिपोर्टें पेश की गईं।

CAG का कार्यालय

  • भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (Comptroller and Auditor General of India), एक संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग (Indian Audit and Accounts Department- IA&AD) का प्रमुख होता है। दोनों संस्थाओं को सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थान भारत (Supreme Audit Institution of India- SAI) के रूप में जाना जाता है।

जनादेश

  • “जनता के धन के संरक्षक” के रूप में CAG को केंद्र तथा राज्य सरकारों सहित उन संगठनों अथवा निकायों के सभी व्यय का निरीक्षण तथा अंकेक्षण करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, जिन्हें सरकार विशेष तौर पर वित्तपोषित करती है।
  • यही कारण है कि डॉ.बी.आर.अंबेडकर ने कहा कि CAG भारत के संविधान के तहत सबसे महत्त्वपूर्ण अधिकारी होता है।

संवैधानिक प्रावधान

  • अनुच्छेद 148 CAG के एक स्वतंत्र कार्यालय का प्रावधान करता है।
  • CAG से संबंधित अन्य प्रावधानों में अनुच्छेद 149-151 (कर्त्तव्य और शक्तियाँ, संघ व राज्यों के खातों का स्वरूप तथा अंकेक्षण रिपोर्ट), अनुच्छेद 279 (निवल आय का परिकलन इत्यादि) तथा तीसरी अनुसूची (शपथ अथवा प्रतिज्ञान) एवं छठी अनुसूची (असम, मेघालय, त्रिपुरा व मिज़ोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन) शामिल हैं।
  • नियुक्ति: CAG की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा उनके हस्ताक्षर तथा मुहर के तहत एक वारंट द्वारा की जाती है।
  • उसे कार्यकाल की सुरक्षा प्रदान की जाती है तथा संविधान में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
  • कार्यकाल: 6 वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो।
  • निष्कासन: CAG को कार्यालय से हटाने के लिये एक विशिष्ट प्रक्रिया: संसद के प्रत्येक सदन से अभिभाषण प्राप्त करने के बाद राष्ट्रपति का एक आदेश, की आवश्यकता होती है।
  • निष्कासन को प्रभावी बनाने के लिये अभिभाषण को उस सदन की कुल सदस्यता के बहुमत और उसी सत्र में उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा समर्थित होना चाहिये।
  • निष्कासन के आधारों में सिद्ध दुर्व्यवहार या अक्षमता शामिल है।

स्वतंत्रता के प्रावधान: प्रमुख प्रावधानों में शामिल हैं-

  • CAG का वेतन और खर्च भारत की संचित निधि पर भारित होता है।
  • CAG को कार्यकाल की सुरक्षा प्रदान की जाती है और वह राष्ट्रपति की इच्छा तक पद पर नहीं रह सकता है, हालाँकि उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा ही की जाती है।
  • कार्यालय छोड़ने पर CAG को कार्यालय की स्वतंत्रता और अखंडता को बनाए रखते हुए, भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार के भीतर किसी भी अनुवर्ती पद को धारण करने से रोक दिया जाता है।

भारत जैसे लोकतंत्र में अंकेक्षण की भूमिका

पारदर्शिता और दायित्व

  • सार्वजनिक विश्वास: अंकेक्षण जनता में विश्वास उत्पन्न करता है कि करदाताओं के पैसे का उपयोग किस प्रकार किया जाता है, जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
  • दायित्व: वे सरकारी निकायों और अधिकारियों को उनके वित्तीय निर्णयों एवं कार्यों के लिये जवाबदेह ठहराते हैं, सार्वजनिक धन के दुरुपयोग या गलत आवंटन को रोकते हैं।

वित्तीय कुप्रबंधन को रोकना

  • त्रुटियों और धोखाधड़ी का पता लगाना: अंकेक्षण त्रुटियों, विसंगतियों या संभावित धोखाधड़ी गतिविधियों को उजागर करने में सहायता करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सुधारात्मक कार्रवाई तुरंत की जाए।
  • बजट अनुपालन: वे सत्यापित करते हैं कि क्या वित्तीय गतिविधियाँ बजटीय आवंटन के साथ संरेखित हैं, जिससे अधिक खर्च या अनधिकृत व्यय को रोका जा सके।

दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार

  • अक्षमताओं की पहचान करना: अंकेक्षण प्रक्रियाओं में अक्षमताओं को उजागर करता है, जिससे सुधार और लागत-बचत उपायों की अनुमति मिलती है।
  • प्रदर्शन मूल्यांकन: ये सरकारी कार्यक्रमों और पहलों की प्रभावशीलता का आकलन करते हैं तथा बेहतर परिणामों के लिये भविष्य के नीतिगत निर्णयों का मार्गदर्शन करते हैं।
  • निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाना: ऑडिट रिपोर्ट नीति निर्माताओं हेतु मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, बेहतर प्रशासन के लिये सूचित निर्णय लेने में सहायता करती है।

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