इंटर-ऑपरेबल आपराधिक न्याय प्रणाली में यूपी लगातार तीसरे साल देश में पहले स्थान पर रहा।
इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) प्लेटफॉर्म पर उच्चतम प्रवेश दर दर्ज करने में उत्तर प्रदेश लगातार तीसरे वर्ष पहले स्थान पर रहा है।
अभियोजन निदेशालय उत्तर प्रदेश ने अब तक आईसीजेएस प्लेटफॉर्म पर 1,56,22,514 प्रविष्टियां दर्ज की हैं।
35,04,828 प्रविष्टियों के साथ मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर और 16,65,107 प्रविष्टियों के साथ बिहार तीसरे स्थान पर है।
आईसीजेएस प्लेटफॉर्म की संकल्पना सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी द्वारा की गई है और गृह मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया गया है।
विशेष रूप से, आईसीजेएस प्लेटफॉर्म देश भर में आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न स्तंभों के बीच डेटा और सूचना के निर्बाध हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है।
इनमें एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से अदालतों, पुलिस, जेलों और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के बीच अपराधों और अपराधियों से संबंधित डेटा का आदान-प्रदान किया जाता है।
आईसीजेएस के जरिए संदिग्धों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से लेकर दोषियों को जेल भेजने तक एफआईआर, केस नंबर, जेल आईडी और हर चीज का रिकॉर्ड रखा जाता है।
इसके अतिरिक्त, अदालती मामलों, परीक्षणों, निर्णयों, अभियोजन और फोरेंसिक जानकारी का विवरण एक ही मंच के माध्यम से अदालतों, पुलिस, जेलों और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं तक पहुँचा जा सकता है।