रवि. मई 19th, 2024
  • बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य विधानसभा में 2024-25 के लिए 2.79 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में बिहार ने 10.64% की विकास दर दर्ज की और राज्य में 2.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये।
  • बजट में शिक्षा, ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, ग्रामीण कार्य और स्वास्थ्य क्षेत्र पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया है।
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट व्यय ₹2,61,885.40 करोड़ से बढ़ाकर ₹2,78,725.72 करोड़ कर दिया गया है।
  • 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 2.98% रहने की संभावना है।
  • बिहार उन राज्यों में से एक है जिसने एफआरबीएम एक्ट को गंभीरता से लागू किया है।
  • बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पादन (जीएसडीपी) 15.5% बढ़कर 7.5 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
  • वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, राज्य की प्रति व्यक्ति आय मौजूदा कीमतों पर ₹59,637 प्रति वर्ष होने का अनुमान है। 2018-19 में प्रति व्यक्ति आय ₹44,451 थी।
  • राज्य की वास्तविक प्रति व्यक्ति आय 2022-23 में 9.0 प्रतिशत बढ़कर 35,119 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
  • 2022-23 में वास्तविक जीएसडीपी 10.6% बढ़कर 4.4 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
  • राज्य में बैंकों का सीडी (क्रेडिट-डिपॉजिट) अनुपात 31 मार्च 2023 तक बढ़कर 55.6% हो गया है, जो पिछले वर्ष 53% था।
  • राज्य की अर्थव्यवस्था के सकल मूल्य में तृतीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी 60% होने का अनुमान है। 2022-23 में प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रों की हिस्सेदारी 20%-20% होगी।
  • प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों द्वारा जोड़ा गया मूल्य क्रमशः 6.7%, 6.8% और 13% बढ़ने का अनुमान है।

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