सोम. मई 20th, 2024
  • उत्तर प्रदेश सरजू नदी में अपना पहला ‘कछुआ संरक्षण रिजर्व’ स्थापित करेगा।
  • उत्तर प्रदेश का वन विभाग सरजू नदी में एक कछुआ संरक्षण रिजर्व स्थापित करने के लिए तैयार है।
  • गोंडा जिले में घाघरा की सहायक नदी सरजू नदी “समृद्ध कछुआ विविधता” के लिए जानी जाती है।
  • रिजर्व के लिए सरजू नदी का 2 किमी का खंड प्रस्तावित किया गया है। यह पौधों, पक्षियों, मछलियों और जल साँपों की प्रजातियों से भी समृद्ध है।
  • सरजू भारत की एकमात्र नदी है जहाँ कछुओं की नौ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें से आठ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची I में सूचीबद्ध हैं।
  • न केवल कछुओं बल्कि मछलियों की 30 प्रजातियों और पक्षियों की 50 प्रजातियों के संरक्षण के लिए 10 साल की शुरुआती अवधि के लिए एक प्रबंधन योजना लागू की जाएगी।
  • प्रबंधन योजना में नदी की धारा को प्रदूषण से बचाने पर भी विशेष जोर दिया जाएगा।
  • पिछले दो दशकों में लुप्तप्राय क्राउन्ड नदी कछुए की आबादी में भारी कमी आई है।

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