सोम. मई 20th, 2024

बंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्त्ताओं ने एक सिंथेटिक मानव एंटीबॉडी बनाई है जो कोबरा, किंग कोबरा, करैत और ब्लैक माम्बा जैसे एलापिडे साँपों द्वारा स्रावित/उत्पादित शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन को बेअसर करने में सक्षम है।एलापिड्स, विषैले साँपों का एक विविध परिवार है, इसके सामने के दाँत नुकीले होते हैं जो ज़हर फैलाते हैं और इसमें विश्व स्तर पर विभिन्न आवासों में 300 प्रजातियाँ शामिल हैं।

नई विष-निष्क्रिय एंटीबॉडी

  • भारतीय विज्ञान संस्थान की टीम ने एक नए एंटीबॉडी को संश्लेषित करने के लिये HIV और कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी की स्क्रीनिंग हेतु पहले से सफल दृष्टिकोण अपनाया, जो सर्पदंश के उपचार के लिये इस रणनीति के पहले अनुप्रयोग को चिह्नित करता है।

कार्यप्रणाली

  • विभिन्न एलापिड प्रजातियों के बीच इस विष में भिन्नता के बावजूद, टीम का एंटीबॉडी एलापिड विष में पाए जाने वाले थ्री-फिंगर टॉक्सिंस (3FTx) के मूल में एक संरक्षित क्षेत्र को लक्षित करता है।
  • जीवों के मॉडल का उपयोग करते हुए शोधकर्त्ताओं ने ताइवानी बैंडेड क्रेट, मोनोकल्ड कोबरा एवं ब्लैक माम्बा के विषाक्त पदार्थों के विरुद्ध अपने सिंथेटिक एंटीबॉडी का परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि एंटीबॉडी मानक एंटीवेनम की तुलना में लगभग 15 गुना अधिक शक्तिशाली थी, यहाँ तक कि यह ज़हर इंजेक्शन में हुई देरी के बाद भी दिया गया था।
  • पारंपरिक एंटीबॉडी अपनी संरचना में एक समान नहीं होते हैं, क्योंकि वे विभिन्न प्रकार के अणुओं का मिश्रण होते हैं जिनमें एंटीजन के विभिन्न एपिटोप्स के साथ अलग-अलग संबंध एवं विशिष्टता होती है जो उनके उत्पादन को उत्प्रेरित करती है।

आवश्यकता

  • सर्पदंश के कारण प्रतिवर्ष हज़ारों मौतें होती हैं, विशेषकर भारत तथा उप-सहारा अफ्रीका में।
  • भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में वर्ष 2000 से 2019 के बीच लगभग 1.2 मिलियन (12 लाख) सर्पदंश से मौतें हुई हैं, अर्थात् वार्षिक रूप से औसतन 58,000 मौतें।
  • वैश्विक स्तर पर सर्पदंश से होने वाली मौतों में से लगभग 50% मौतें भारत में होती हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सर्पदंश को उच्च प्राथमिकता वाली उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग के रूप में वर्गीकृत किया है।

अनुप्रयोग

  • शोधकर्त्ताओं का सुझाव है कि यह प्रगति हमें एक सार्वभौमिक एंटीबॉडी समाधान के करीब लाती है जो विभिन्न साँपों के ज़हर से व्यापक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है।

साँप के काटने से बचाव के लिये अन्य पहल

  • WHO रोडमैप लॉन्च होने से पूर्व ही ICMR के शोधकर्त्ताओं द्वारा वर्ष 2013 से सामुदायिक जागरूकता और स्वास्थ्य प्रणाली क्षमता निर्माण शुरू किया गया था।
  • WHO की सर्पदंश विष निवारण रणनीति तथा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये संयुक्त राष्ट्र के सेंदाई फ्रेमवर्क के अनुरूप, भारत ने इस मुद्दे से निपटने के लिये वर्ष 2015 में एक राष्ट्रीय कार्य योजना की पुष्टि की।
  • दक्षिण-पूर्व एशिया में सर्पदंश से निपटने के लिये वर्ष 2022-2030 क्षेत्रीय कार्य योजना का शुभारंभ किया गया जिसका लक्ष्य वैश्विक रणनीति के अनुरूप वर्ष 2030 तक सर्पदंश से संबंधित मौतों और दिव्यांग्ताओं में कमी लाना, स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ करने में सदस्य राज्यों, WHO, दानदाताओं तथा भागीदारों का मार्गदर्शन करना एवं विभिन्न रणनीतियों व प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के माध्यम से मानव-पशु-पारिस्थितिकी तंत्र के संबंध में कार्यों में तेज़ी लाना है।

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