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- भारत और मॉरीशस ने कर संधि में संशोधन के लिए एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं।
- दोनों देशों ने 7 मार्च 2024 को दोहरे कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) पर नए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।
- इससे उनके दोहरे कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) में खामियां दूर हो गई हैं।
- इससे भारत में आने वाले निवेश पर कर चोरी की जांच कड़ी हो गई है।
- संशोधन में एक प्रधान प्रयोजन परीक्षण (पीपीटी) शामिल है।
- पीपीटी को यह तय करना है कि कोई विदेशी निवेशक वास्तव में संधि लाभों के लिए पात्र है या नहीं।
- पीपीटी को यह भी तय करना है कि क्या कर लाभ मॉरीशस के माध्यम से निवेश का प्राथमिक कारण है।
- दोहरा कराधान बचाव समझौता (डीटीएए) एक द्विपक्षीय समझौता है।
- इसका उद्देश्य एक देश में दूसरे देश के निवासियों द्वारा अर्जित आय पर दोहरे कराधान को रोकना है।
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