शुक्र. मई 3rd, 2024
  • जैन आचार्य लोकेश मुनि  को सार्वजनिक भलाई और मानवता में उनके योगदान के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के गोल्ड वालंटियर सर्विस पुरस्कार से सम्मानित किया गया, इसी के साथ ही यह सम्मान पाने वाले वे पहले भारतीय भिक्षु बन गए हैं।
  • आचार्य लोकेश मुनि भारत में एक गैर-सरकारी संगठन, अहिंसा विश्व भारत और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वयंसेवी सेवा पुरस्कार

  • अमेरिकी राष्ट्रपति का वालंटियर सर्विस पुरस्कार की स्थापना  2003 में जॉर्ज बुश के राष्ट्रपति काल  के दौरान हुई थी।
  • यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में कम से कम 500 घंटे की स्वैच्छिक सेवा प्रदान की है और जिनके स्वैच्छिक कार्य ने समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डाला हो तथा उनके आसपास के लोगों को प्रेरित किया हो।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने आचार्य लोकेश को बधाई दी और उनके मानवीय कार्यों और मानवता के प्रति उनकी सेवा की सराहना की।
  • अपने पुरस्कार स्वीकृति भाषण में आचार्य लोकेश ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक मूल्यों और भगवान महावीर के सिद्धांतों का सम्मान है।

आचार्य लोकेश मुनि

  • आचार्य लोकेश मुनि ,भगवान महावीर द्वारा स्थापित जैन धर्म के अनुयायी हैं। वे एक विचारक, लेखक, कवि और समाज सुधारक हैं जो राष्ट्रीय चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्यों के विकास और समाज में अहिंसा, शांति और आपसी सहयोग की स्थापना के लिए निरंतर प्रयास करते रहे हैं।
  • उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम में अहिंसा विश्व भारती की स्थापना की है। अहिंसा विश्व भारती भगवान महावीर की शिक्षाओं और भारतीय सांस्कृतिक मानदंडों के अनुरूप अहिंसा, शांति, सद्भाव और भाईचारे के चार वैश्विक स्तंभों पर केंद्रित है।

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