शोधकर्ताओं द्वारा अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले में स्थित टेल वैली वन्यजीव अभयारण्य में तितली की नई प्रजाति “नेप्टिस फ़िलायरा” की खोज की गई है।इस खोज को “ट्रॉपिकल लेपिडोप्टेरा रिसर्च” पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
नेप्टिस फ़िलारा
- यह तितली की एक दुर्लभ प्रजाति है।
- इसे सामान्यतः लंबी-लकीर नाविक के रूप में जाना जाता है।
- इस तितली का वर्णन सबसे पहले वर्ष 1859 में रूस के एम मेनेट्रिएस ने किया था।
- इस तितली की प्रजातियाँ पूर्वी साइबेरिया, कोरिया, जापान, मध्य और दक्षिण-पश्चिम चीन सहित पूर्वी एशिया के विभिन्न क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
विशेषता
- इस तितली के दाँतेदार पंख होते हैं, इसके ऊपरी पंख का रंग गहरा भूरा-काला और नीचे की तरफ पीला-भूरा है।
- इसकी विशिष्ट पहचान अग्र पंख पर “हॉकी स्टिक” पैटर्न बनाने वाली एक सफेद कोशिका रेखा है।
- यह प्रजाति निम्फालिडे परिवार से संबंधित है।
- यह सदाबहार जंगलों, वनस्पति और चट्टानी नदियों जैसे क्षेत्रों में पायी जाती है।
टेल वैली वन्यजीव अभयारण्य
- यह वन्यजीव अभयारण्य अरुणाचल प्रदेश के निचले सुबनसिरी जिले में स्थित है।
- यह अभयारण्य 2400 मीटर ऊँचे टैली एक पठार स्थित है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1995 में हुई थी।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 337 वर्ग किमी है।
- इस अभयारण्य में पुष्प और जीवों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
वनस्पति
- इस अभयारण्य में देवदार के वृक्ष, फ़र्न, ऑर्किड, बांस और रोडोडेंड्रोन जैसे- उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण या अल्पाइन वृक्ष पाए जाते हैं।
वन्यजीव
- यहाँ लुप्तप्राय तेंदुआ, हिमालयी गिलहरी , हिमालयी काला भालू आदि पाए जाते हैं।