- “भारतीय मनोविज्ञान के जनक”, सुधीर कक्कड़ का 22 अप्रैल 2024 को 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सुधीर कक्कड़ एक प्रसिद्ध लेखक और सांस्कृतिक आलोचक थे।
- सुधीर कक्कड़ का जन्म 1938 में नैनीताल, उत्तराखंड में हुआ था। सुधीर कक्कड़ के सिद्धान्त और कार्य ने पश्चिमी और पूर्वी विचारों के बीच की दूरी को पाट दिया। सुधीर कक्कड़ ने भारत में मनोविश्लेषण के क्षेत्र में अविस्मरणीय छाप छोड़ी है।
- प्रसिद्ध क्यूरेटर डॉ. अलका पांडे के अनुसार, सुधीर कक्कड़ गले के कैंसर से पीड़ित थे। सुधीर कक्कड़ का अंतिम संस्कार लोधी श्मशान में 25 अप्रैल को शाम 4 बजे आर्य समाज मंदिर में किया गया।
- मशहूर मनोविश्लेषक कक्कड़ एक महान टेबल टेनिस खिलाड़ी भी थे। कक्कड़ के परिवार में उनकी पत्नी कैटरीना और बच्चे हैं।
सुधीर कक्कड़ मनोविश्लेषक के साथ ही एक प्रसिद्ध लेखक भी थे
- कक्कड़ ने भारतीय संस्कृति, पौराणिक कथाओं और धर्म के साथ मनोविश्लेषण के संगम पर कई किताबें और लेख लिखे।
- उनके प्रमुख पुस्तकों में ‘द इनर वर्ल्ड: ए साइकोएनालिटिक स्टडी ऑफ चाइल्डहुड एंड सोसाइटी इन इंडिया’ काफी प्रसिद्ध थी। इस पुस्तक में उनके कार्यों ने पारंपरिक पश्चिमी मनोविश्लेषणात्मक दृष्टिकोण पर सवाल उठाया, जो भारतीय मानस में अद्वितीय अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
सुधीर कक्कड़ को प्राप्त हुए कई पुरस्कार
- सुधीर कक्कड़ को अपने काम के लिए कई पुरस्कार दिए गए। इनमें प्रमुखतः निम्नलिखित शामिल हैं:
- कार्डिनर पुरस्कार (कोलंबिया विश्वविद्यालय)
- बॉयर पुरस्कार (अमेरिकन एंथ्रोपोलॉजिकल एसोसिएशन का मनोवैज्ञानिक के लिए)
- गोएथे मेडल (जर्मनी)
- ऑर्डर ऑफ मेरिट (जर्मनी का सर्वोच्च संघीय पुरस्कार)