शनि. मई 18th, 2024
  • भारत के औद्योगिक सामान आयात में चीन की हिस्सेदारी पिछले 15 वर्षों में 21 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई है।
  • आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट के अनुसार दूरसंचार, मशीनरी और इलेक्ट्रानिक्स जैसे चीन के औद्योगिक सामानों पर भारत की बढ़ती निर्भरता के साथ यह आंकड़ा बढ़ा।
  • यह रिपोर्ट आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) द्वारा जारी की गई है।
  • चीन का आयात 2018-19 में 70.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 101 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है।
  • 2018-19 में 70.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 101 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक, चीन के आयात में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है।
  • पाँच वर्षों के दौरान, इसका संचयी व्यापार घाटा 387 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।
  • चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे से चिंताएं बढ़ी हैं। इसका आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य सभी देशों से भारत का आयात चीन से भारत को होने वाले निर्यात की तुलना में 2.3 गुना धीमी गति से बढ़ रहा है।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के 677.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल व्यापारिक आयात में चीन ने 101.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया।
  • इससे पता चलता है कि भारत के कुल आयात का 15% चीन से आया।
  • चीन मशीनरी क्षेत्र में 19 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देता है, जो इस क्षेत्र में भारत के आयात का 39.6% है।
  • इस अवधि के दौरान भारत के रसायनों और फार्मास्यूटिकल्स के कुल आयात में चीन का हिस्सा 15.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर या 29.2% था, जो 54.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।

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