शनि. मई 18th, 2024

सर्वोच्च न्यायालय ने भौतिक संसाधनों के स्वामित्व एवं नियंत्रण के आलोक में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) की व्याख्या करने के लिए नौ न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया है।संविधान की प्रस्तावना का उद्देश्य सभी नागरिकों को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय, स्वतंत्रता और समानता सुरक्षित करना है। संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों की सूची है जो स्वतंत्रता एवं समानता की गारंटी देते हैं। भाग IV में उल्लेखित नीति निर्देशक तत्व (DPSP) ऐसे सिद्धांत हैं जिनका सामाजिक और आर्थिक न्याय प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पालन करना चाहिए। यद्यपि भाग III में मौलिक अधिकारों के विपरीत डी.पी.एस.पी. न्यायालय में वाद योग्य नहीं है, फिर भी वे देश के शासन में मौलिक हैं।भाग IV में अनुच्छेद 39(B) और 39(C) में ऐसे सिद्धांत शामिल हैं जिनका उद्देश्य आर्थिक न्याय हासिल करना है।

संपत्ति अधिकार की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • संविधान ने मूल रूप से अनुच्छेद 19(1)(F) के तहत मौलिक अधिकार के रूप में संपत्ति के अधिकार की गारंटी दी थी।
  • अनुच्छेद 31 के तहत प्रावधान है कि निजी संपत्ति के अधिग्रहण के मामले में राज्य मुआवजा देगा।
  • आजादी के समय सरकार के पास अपर्याप्त संसाधनों को ध्यान में रखते हुए और सार्वजनिक कल्याण के लिए भूमि अधिग्रहण में अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए, संपत्ति के अधिकार में कटौती करते हुए विभिन्न संशोधन किए गए।

संपत्ति अधिग्रहण बनाम मौलिक अधिकार

अनुच्छेदसंशोधन एवं वर्षसंक्षिप्त विवरण
31(A)पहला संशोधन, 1951संपत्ति के अधिग्रहण के लिए बनाए गए कानून इस आधार पर अमान्य नहीं होंगे कि इससे संपत्ति के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।
31 (B)पहला संशोधन, 1951नौवीं अनुसूची के तहत रखे गए कानूनों को किसी भी मौलिक अधिकार के उल्लंघन के आधार पर न्यायिक समीक्षा से मुक्त रखा गया। हालाँकि कोएल्हो मामले (2007) में, सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि अप्रैल 1973 के बाद नौवीं अनुसूची में रखे गए कानून न्यायिक समीक्षा के अधीन होंगे।
31 (C)25वां संशोधन,1971अनुच्छेद 39(B) और (C) के तहत डी.पी.एस.पी. को प्रधानता प्रदान की गई। इन सिद्धांतों को पूरा करने के लिए बनाए गए कानून इस आधार पर अमान्य नहीं होंगे कि यह संपत्ति के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। 

अनुच्छेद 31(C) के तहत प्रावधान

  • अनुच्छेद 31(C) के अनुसार, यदि अनुच्छेद 39(B) एवं 39(C) में वर्णित नीति निर्देशों को लागूकिया जाता है तो इन्हें समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14) एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19) के मूल अधिकार उल्लंघन के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती है।
  • अनुच्छेद 39(B) के अनुसार, समुदाय के भौतिक संसाधनों को सार्वजनिक भलाई के लिए वितरित किया जा सकता है। 
  • अनुच्छेद 39 (C) में प्रावधान किया गया है कि धन और उत्पादन के साधनों का संकेंद्रण ऐसा नहीं होना चाहिए जो सार्वजनिक क्षति के लिए उत्तरदायी हो।
  • संविधान के अनुच्छेद 39 में राज्य की नीति के कुछ निर्देशक सिद्धांतों को सूचीबद्ध किया गया है, जो कानूनों के अधिनियमन के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, लेकिन ये किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं।

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