रवि. मई 19th, 2024

संयुक्त राष्ट्र ने विशेष रूप से महत्वपूर्ण ऊर्जा संक्रमण खनिजों पर केंद्रित एक पैनल का गठन किया है । ये महत्वपूर्ण खनिज आम तौर पर अफ्रीकी देशों जैसे अविकसित देशों में पाए जाते हैं। इन खनिजों की भारी मांग संसाधन राष्ट्रवाद और पर्यावरण विनाश की उभरती चिंताओं को जन्म दे रही है ।

ऊर्जा संक्रमण हेतु महत्त्वपूर्ण खनिजों पर संयुक्त राष्ट्र पैनल से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं

  • यह पैनल नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिये महत्त्वपूर्ण खनिजों की बढती मांग के संदर्भ में समानता, पारदर्शिता, निवेश, संधारणीयता और मानवाधिकार से संबंधित मुद्दों को संबोधित करेगा।
  • विकासशील देश महत्त्वपूर्ण खनिजों को रोज़गार सृजित करने, अर्थव्यवस्था में विविधता लाने तथा राजस्व बढ़ाने के अवसर के रूप में देखते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में गरीबों को दमन से सुरक्षित रखने के लिये उचित प्रबंधन अत्यावश्यक है।
  • साझा समृद्धि के लिये महत्त्वपूर्ण खनिजों की क्षमता का दोहन करने और समावेशी विकास सुनिश्चित करने हेतु गठित इस पैनल का उद्देश्य सतत् विकास के लिये एजेंडा 2030, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय और पेरिस समझौते के अनुरूप है।
  • यह पैनल संयुक्त राष्ट्र की विगत पहलों, विशेष रूप से सतत्  निष्कर्षण उद्योगों पर कार्य समूह की ‘सतत् विकास के लिये महत्त्वपूर्ण ऊर्जा संक्रमण खनिजों का प्रयोग’ (Harnessing Critical Energy Transition Minerals for Sustainable Development) पहल पर आधारित है।
  • यह विश्व स्तर पर और संपूर्ण मूल्य शृंखला में स्थानीय समुदायों के लिये उच्चतम संधारणीयता एवं मानव विकास मानकों को बनाए रखते हुए एक निष्पक्ष तथा पारदर्शी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिये सिद्धांतों को विकसित करने में सहायता करेगा।
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य महत्त्वपूर्ण ऊर्जा संक्रमण खनिजों की सुरक्षित एवं सुलभ आपूर्ति पर निर्भर करता है।
  • ताँबा, लिथियम, निकल, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्त्व जैसे ये खनिज एक संधारणीय भविष्य के निर्माण के लिये पवन टरबाइन, सौर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन तथा बैटरी भंडारण जैसी स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के आवश्यक घटक हैं।

महत्त्वपूर्ण खनिज

  • ये आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आवश्यक खनिज हैं, इन खनिजों की उपलब्धता में कमी अथवा कुछ विशिष्ट भौगोलिक स्थानों पर अधिक निष्कर्षण अथवा प्रसंस्करण आपूर्ति शृंखला को सरल बनाते हैं।

महत्त्वपूर्ण खनिजों की घोषणा

  • महत्त्वपूर्ण खनिजों की घोषणा एक परिवर्तनीय प्रक्रिया है, और यह समय के साथ नई प्रौद्योगिकियों, बाज़ार गतिशीलता एवं भू-राजनीतिक स्थितियों पर निर्भर कर सकती है।
  • अपनी विशिष्ट परिस्थितियों और प्राथमिकताओं के आधार पर विभिन्न देशों के लिये महत्त्वपूर्ण खनिजों की सूची भिन्न-भिन्न हो सकती है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा आर्थिक विकास में उनकी भूमिका के आधार पर 50 खनिजों को महत्त्वपूर्ण घोषित किया है।
  • अपनी अर्थव्यवस्था के लिये जापान ने 31 खनिजों के एक समूह को महत्त्वपूर्ण माना है।
  • यूनाइटेड किंगडम के लिये 18 खनिज महत्त्वपूर्ण हैं, वहीं यूरोपीय संघ और कनाडा के लिये यह संख्या क्रमशः (34) व (31) है।

भारत के लिये महत्त्वपूर्ण खनिज

  • खान मंत्रालय के तहत विशेषज्ञ समिति ने भारत के लिये 30 महत्त्वपूर्ण खनिजों के एक समूह की पहचान की है।
  • इनमें एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, कॉपर, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हेफनियम, इंडियम, लिथियम, मोलिब्डेनम, नायोबियम, निकल, PGE, फॉस्फोरस, पोटाश, दुर्लभ मृदा तत्त्व (REE), रेनियम, सिलिकॉन, स्ट्रोंटियम, टैंटलम , टेल्यूरियम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन, वैनेडियम, ज़िरकोनियम, सेलेनियम और कैडमियम।
  • इस समिति ने खान मंत्रालय में महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिये उत्कृष्टता केंद्र (CECM) के निर्माण की भी सिफारिश की है।
  • CECM आवधिक रूप से भारत के लिये महत्त्वपूर्ण खनिजों की सूची को अद्यतन करेगा और समय-समय पर महत्त्वपूर्ण खनिज संबंधी रणनीति अधिसूचित करेगा।

प्रमुख महत्त्वपूर्ण खनिज और उनके अनुप्रयोग

लिथियम, कोबाल्ट और निकल

  • ये खनिज लिथियम-आयन बैटरी के अपरिहार्य घटक हैं, इसका इलेक्ट्रिक वाहनों, पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है।

दुर्लभ मृदा तत्त्व (REE)

  • 17 तत्त्वों से युक्त REE का प्रमुख तौर पर शक्तिशाली मैग्नेट, इलेक्ट्रॉनिक्स, पवन टरबाइन और सैन्य उपकरणों के निर्माण में प्रयोग किया किया जाता है।
  • नियोडिमियम और डिस्प्रोसियम विशेष रूप से मोटरों में प्रयोग किये जाने वाले स्थायी चुंबकों के उत्पादन के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।

ताँबा

  • असाधारण विद्युत चालकता के कारण विद्युत तारों, नवीकरणीय ऊर्जा अवसंरचना और इलेक्ट्रिक वाहन के घटकों में इसका अत्यधिक महत्त्व है।

टाइटेनियम

  • असाधारण स्ट्रेंथ-टू-वेट अनुपात के कारण टाइटेनियम का एयरोस्पेस उद्योग में बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है, यह इसकी संक्षारण प्रतिरोध और उच्च तापमान को सहन करने की क्षमता को बेहतर बनाता है।

प्लैटिनम समूह धातुएँ

  • वाहनों, फ्यूल सेल्स (बैटरियों) और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिये कैटेलिटिक कनवर्टर के निर्माण में अनिवार्य रूप से PGMs का प्रयोग किया जाता है।

ग्रेफाइट यह लिथियम-आयन बैटरी के एनोड के लिये एक प्रमुख सामग्री है और इसके विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोग

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