वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 पेश किया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सत्ता में आने के बाद यह पहला बजट है. सीतारमण द्वारा पेश किया गया लगातार यह सातवां बजट है।उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में ही कह दिया कि हमारा ध्यान गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता पर है। यानी वह चार जातियां, जिनका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते आए हैं। बजट 2024-25 में इन चार जातियों के लिए खूब सारे प्रावधान हैं। नौकरियों की भी खूब बात की गई है। उद्योगों और स्टार्ट-अप्स के लिए बड़ी घोषणाएं की गई हैं।
निर्मला सीतारमण ने बताया है कि 2024-25 में सरकार 48.20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगी. ये सिर्फ बजट अनुमान है. आमतौर पर जितना अनुमान होता है, उससे ज्यादा ही खर्च हो जाता है.सरकार का अनुमान है कि एक साल में वो जो 48.20 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी, उसके लिए 31.29 लाख करोड़ तो टैक्स से आ जाएंगे. लेकिन बाकी का खर्च चलाने के लिए सरकार उधार लेगी. 2024-25 में सरकार 16.13 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी. सरकार के खर्च का एक बड़ा हिस्सा उधारी पर लगे ब्याज को चुकाने में ही चला जाता है.
कहां से कमाएगी
- अगर सरकार 1 रुपया कमाएगी तो उसमें 27 पैसा उधारी का होगा. इसके बाद 19 पैसा इनकम टैक्स से, 18 पैसा जीएसटी से और 17 पैसा कॉर्पोरेशन टैक्स से मिलेगा. इसके अलावा 9 पैसा नॉन-टैक्स रेवेन्यू से, 5 पैसा एक्साइज ड्यूटी से, 4 पैसा कस्टम ड्यूटी से और 1 पैसा नॉन-डेट रिसीट से कमाएगी.
कहां खर्च करेगी:
- सरकार के 1 रुपये के खर्च में 19 पैसा ब्याज चुकाने में चला जाएगा. 21 पैसा राज्यों को टैक्स और ड्यूटी में हिस्सा देने में खर्च हो जाएगा. इसके अलावा 16 पैसा केंद्र और 8 पैसा केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में खर्च होगा. 8 पैसा रक्षा, 6 पैसा सब्सिडी और 4 पैसा पेंशन पर खर्च होगा. बाकी का 18 पैसा दूसरे तरह के खर्चों में लगेगा.
सरकार को उधार प्राप्तियाँ
- एक होता है देसी कर्ज, जिसे इंटरनल डेट भी कहा जाता है. इसमें सरकार बीमा कंपनियों, कॉर्पोरेट कंपनियों, आरबीआई और दूसरे बैंकों से कर्ज लेती है. दूसरा होता पब्लिक डेट यानी सार्वजनिक कर्ज, जिसमें ट्रेजरी बिल, गोल्ड बॉन्ड और स्मॉल सेविंग स्कीम होती हैं.
- सरकार आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक और दूसरे अंतर्राष्ट्रीय बैंकों से भी कर्ज लेती है, जिसे विदेशी कर्ज या एक्सटर्नल डेट कहा जाता है. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर सरकार सोना गिरवी रखकर भी कर्ज ले सकती है. जैसे 1990 में सरकार ने सोना गिरवी रखकर उधार लिया था.
कितना कर्ज है सरकार पर
- वित्त मंत्रालय के मुताबिक, 31 मार्च 2024 तक केंद्र सरकार पर 168.72 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था. इसमें से 163.35 लाख करोड़ इंटरनल डेट थी. जबकि, 5.37 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बाहर से लिया गया था.
- इसी साल मई में X पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि 2022 तक भारत पर जीडीपी का 81% कर्ज था. जबकि, जापान पर 260%, इटली पर 140.5%, अमेरिका पर 121.3%, फ्रांस पर 111.8% और यूके पर 101.9% कर्ज था.
- वित्त मंत्री ने बताया था कि भारत के बाहरी कर्ज में शॉर्ट-टर्म डेट की हिस्सेदारी 18.7% है, जो चीन, थाईलैंड, तुर्किए, वियतनाम, साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश से कहीं कम है.
- भारत पर इस वक्त जीडीपी का 81% कर्ज है. इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का कर्ज शामिल है. हालांकि, कोरोना महामारी के वक्त 2020-21 में ये कर्ज बढ़कर 89% तक पहुंच गया था.
- कोरोना महामारी के बाद सरकार को कर्ज और भी लेना पड़ गया. मनमोहन सरकार में 27 से 29 पैसा कर्ज या उधारी से आता था. मोदी सरकार में ये कम होकर 20 पैसा हो गया था. लेकिन कोरोना के दौर में कर्ज बढ़ गया. 2021-22 में सरकार की 1 रुपये की कमाई में 36 पैसा उधार का था.
- कर्ज लेने से क्या फर्क पड़ता है: तो इसका जवाब है कि इससे सरकार का राजकोषीय घाटा यानी फिस्कल डेफिसिट बढ़ता है. वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4% था. 2024-25 में ये घाटा 4.9% रहने की उम्मीद है. सरकार ने 2025-26 तक राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5% से नीचे लाने का टारगेट रखा है.
विकसित भारत’ की खोज में नौ बजट प्राथमिकताएँ:
- कृषि में उत्पादकता और लचीलापन
- रोजगार एवं कौशल
- समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
- विनिर्माण एवं सेवाएँ
- शहरी विकास
- ऊर्जा सुरक्षा
- आधारभूत संरचना
- नवाचार, अनुसंधान एवं विकास
- अगली पीढ़ी के सुधार
शुद्ध कर प्राप्तियाँ ₹25.83 लाख करोड़
- शुद्ध कर प्राप्तियाँ ₹25.83 लाख करोड़ होने का अनुमान है. राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9% होने का अनुमान है. 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से सकल और शुद्ध बाजार उधार क्रमशः ₹14.01 लाख करोड़ और ₹11.63 लाख करोड़ होने का अनुमान है.
कृषि क्षेत्र को ₹1.52 लाख करोड़ आवंटित
- वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए ₹1.52 लाख करोड़ के आवंटन की घोषणा की, जिससे ऑटोमोबाइल – विशेष रूप से प्रवेश स्तर के दोपहिया और ट्रैक्टरों की ग्रामीण मांग को लाभ हो सकता है.
- दालों और बीजों के उत्पादन को मजबूत करने के लिए एक मिशन शुरू करना
- औपचारिक क्षेत्र में नए प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों को 1 महीने का वेतन प्रदान करें
- किसानों द्वारा खेती के लिए 32 क्षेत्रीय और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च उपज वाली और जलवायु-लचीली किस्में जारी की जाएंगी.
- अगले 2 वर्षों में प्रमाणन और ब्रांडिंग के साथ देश भर में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में शामिल किया जाएगा.
- प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता-आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
- कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को 3 वर्षों में किसानों और उनकी भूमि के कवरेज के लिए लागू किया जाएगा.
Angel Tax एंजेल टैक्स खत्म
- पूर्ण बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स खत्म करने की घोषणा कर दी है.
क्या है एंजल टैक्स? जब कोई स्टार्टअप विदेश से कोई निवेश हासिल करता है तो उस निवेश को अन्य माध्यम से आय मानते हुए उस पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगता है, जिसे एंजल टैक्स कहा जाता है। अपनी फेयर वैल्यू से जितनी अधिक राशि स्टार्टअप किसी एंजल निवेशक से जुटाता है, उस पर एंजल टैक्स वसूला जाता है। मान लीजिए किसी स्टार्टअप की फेयर वैल्यू एक करोड़ है और वह 1.5 करोड़ रुपये एंजल निवेशकों से जुटाता है तो 50 लाख रुपये पर एंजल टैक्स लगेगा। एंजल टैक्स खत्म होने से क्या होगा फायदा वर्ष 2012 में टैक्स लगाते समय सरकार की यह सोच थी कि बाहरी निवेश की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग की जा सकती है। जानकारों का कहना है कि एंजल टैक्स को समाप्त करने से स्टार्टअप को फंड जुटाना आसान हो जाएगा। स्टार्टअप अब इनोवेशन पर अधिक खर्च कर सकेंगे और रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। एंजल टैक्स की वजह से नए स्टार्टअप को फंड जुटाने में कठिनाई होती थी और विदेश से फंड जुटाने वालों को शक की नजर से देखा जाता था। |
अप्रत्यक्ष कर क्या बोली वित्त मंत्री
- जीएसटी ने आम आदमी पर कर भार कम किया है, व्यापार और उद्योग के लिए अनुपालन बोझ और रसद लागत को कम किया है. केंद्र और राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई.
‘कारोबार में आसानी’
- कारोबार में आसानी’ को बढ़ाने के लिए, हम पहले से ही जन विश्वास विधेयक 2.0 पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, राज्यों को उनके व्यापार सुधार कार्य योजनाओं और डिजिटलीकरण के कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
बुनियादी ढांचे का विकास
- सरकार अगले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन बनाए रखेगी, जबकि अन्य प्राथमिकताओं और राजकोषीय समेकन को संतुलित करेगी। इस वर्ष पूंजीगत व्यय के लिए ₹11,11,111 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत है।
नई पेंशन योजना लांच
- एनपीएस की समीक्षा करने वाली समिति ने अपने काम में काफी प्रगति की है.
- एक रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ, ऐसा समाधान विकसित किया जाएगा जो आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए राजकोषीय विवेक बनाए रखते हुए प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित करता हो.
Tax Slab 2024 क्या है नया टैक्स स्लैब:
आय | नई दर |
0-3 लाख | 0% |
3-7 लाख | 5% |
7-10 लाख | 10% |
10-12 लाख | 15% |
12-15 लाख | 20% |
15+ लाख | 30% |
नई टैक्स रिजीम में अब 50 हजार की जगह 75 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं।
सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय उपकरणों पर दीर्घकालिक कैप लाभ 12.5% लगेगा
- दीर्घकालिक कैप कर लाभ छूट की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई है. 1 वर्ष से अधिक समय तक रखी गई सूचीबद्ध वित्तीय संपत्तियां दीर्घकालिक होंगी. दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर 10% से बढ़कर 12.5% हो गया.
मुद्रा ऋण की सीमा 20 लाख हुई
- पिछले उधारकर्ताओं के लिए मुद्रा ऋण की सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख कर दी गई है. घरेलू संस्थानों में ₹10 लाख तक के उच्च शिक्षा ऋण के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा. दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के लिए एकीकृत प्रौद्योगिकी प्रणाली की घोषणा.
बाढ़ प्रबंधन के लिए भी घोषणा
- वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि बिहार अक्सर बाढ़ से प्रभावित होता है और नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजनाओं पर प्रगति की कमी पर ध्यान दिया. सरकार अनुमानित ₹11,500 करोड़ की वित्तीय सहायता आवंटित करेगी. हर साल बाढ़ का सामना करने वाले असम को बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता मिलेगी. व्यापक बाढ़ क्षति का सामना करने वाले हिमाचल प्रदेश को बहुपक्षीय सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण के लिए समर्थन मिलेगा.
25 हजार छात्रों को ट्रेनिंग
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान घोषणा की कि 25 हजार योवाओं को रोजगार के लिए ट्रेंड किया जायेगा.
सोने, चांदी और प्लैटिनम पर कस्टम ड्यूटी
- केंद्रीय बजट 2024-25 (23 जुलाई को) के हिस्से के रूप में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने, चांदी और प्लैटिनम पर मूल सीमा शुल्क में बड़ी कटौती की घोषणा की । सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6% कर दिया जाएगा , और प्लैटिनम पर शुल्क घटाकर 6.4% कर दिया जाएगा।
फसलों के लिए अनुसंधान आधारित सेटअप
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु प्रतिरोधी फसलों के विकास के लिए अनुसंधान आधारित सेटअप की घोषणा की. 32 श्रेणियों में नई 109 जलवायु प्रतिरोधी फसलें विकसित और जारी करना.
एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना
- एमएसएमई पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है, “एमएसएमई को टर्म लोन की सुविधा के लिए एक क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की जाएगी. यह योजना ऐसे एमएसएमई के क्रेडिट जोखिमों को कम करने पर काम करेगी. एक स्व-वित्तपोषण गारंटी निधि प्रत्येक आवेदक को ₹100 करोड़ तक का कवर प्रदान करेगी.
विनिर्माण क्षेत्र में 30 लाख युवाओं को लाभ
- वित्त मंत्री ने विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए इसे पहली बार काम करने वाले श्रमिकों के रोजगार से जोड़कर एक योजना की घोषणा की है. यह योजना रोजगार के पहले चार वर्षों के लिए कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को EPFO योगदान के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगी. इससे 30 लाख युवाओं को लाभ होने की उम्मीद है. सरकार नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक प्रति माह ₹3,000 तक की प्रतिपूर्ति करेगी.
महिलाओं और किसानों पर विशेष ध्यान
- वित्त मंत्री ने कहा कि लोगों ने हमारी सरकार को भारत को मजबूत विकास, सर्वांगीण समृद्धि के पथ पर ले जाने का अनूठा अवसर दिया है. जैसा कि अंतरिम बजट में कहा गया है, हमें गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है.
ऊर्जा सुरक्षा
- भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों का विकास और अनुसंधान एवं विकास।
- 60 क्लस्टरों में निवेश-ग्रेड ऊर्जा लेखा परीक्षा, 100 क्लस्टरों तक विस्तार।
- एनटीपीसी-भेल संयुक्त उद्यम 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करेगा।
- सूक्ष्म और लघु उद्योगों को स्वच्छ ऊर्जा रूपों में स्थानांतरित करने के लिए वित्तीय सहायता।
- 1 करोड़ घरों के लिए प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ़्त बिजली का प्रावधान।
- पीएमजीएसवाई का चरण IV: 25,000 ग्रामीण बस्तियों के लिए सभी मौसम की कनेक्टिविटी।
- कोसी-मेची अंतर-राज्यीय लिंक और अन्य योजनाओं जैसी परियोजनाओं के लिए ₹11,500 करोड़।
- हिमाचल प्रदेश, असम, सिक्किम और उत्तराखंड में पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए सहायता।
बजट में आंध्र प्रदेश को क्या मिला
- मंगलवार 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में आंध्र प्रदेश के लिए सरकार की तरफ से 15 हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया. वित्त मंत्री ने आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के विकास पर चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन का ऐलान किया. मल्टीलेवल एजेंसियों के जरिए विशेष वित्तीय सहायता दी जाएगी और राज्य की राजधानी की जरूरत को समझते हुए केंद्र सरकार भविष्य में भी अतिरिक्त राशि देगी.
बजट में बिहार को क्या मिला
- Union Budget 2024-25 में बिहार को कई बड़ी सौगात मिली है. इसमें सड़क-संपर्क परियोजनाओं को लेकर भी सौगात मिली है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सदन में बजट पेश करते हुए पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे (Patna Purnia Expressway) और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया है. पटना-पूर्णिया 300 किमी और गया- बक्सर-भागलपुर 386 किमी के इन दोनों ही एक्सप्रेस पर 100-100 किमी के पैच में चालू वित्त वर्ष के अंदर ही काम शुरू हो जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में बाढ़ नियंत्रण उपायों के लिए 11,500 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की।
बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा
- सरकार हर साल 1 लाख छात्रों को ऋण राशि के 3 प्रतिशत की ब्याज छूट के साथ सीधे ई-वाउचर प्रदान करेगी. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना बनाएंगे
बजट हाई लाइट्स
- कैंसर मरीज़ों की 3 और दवाओं पर सरकार ने पूरी तरह से हटाया सीमा शुल्क.
- सरकार ने बजट में की ‘रोज़गार से जुड़े प्रोत्साहन’ से संबंधित 3 नई योजनाओं की घोषणा.
- उच्च शिक्षा के लिए ₹10 लाख तक के ऋण पर ब्याज में मदद करेगी सरकार.
- FY25 राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9% आंका गया.
- FY25 के लिए व्यय 48.21 लाख करोड़ रुपये देखा गया.
- अगले साल तक राजकोषीय घाटे को 4.5% से नीचे पहुंचाने का लक्ष्य
- FY25 के लिए प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ रुपये देखी गईं.
- ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस की दर एक प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत कर दी गई।
- बजट 2024-25 के अनुसार सरकार की ओर से आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा 6 महीने में पूरी करने की योजना है।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में देश में खेल को बढ़ावा देने के लिए 3,442 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है. जिसमें से 900 करोड़ रुपये ‘खेलो इंडिया’ पहल के लिए रखे गए है.
भारत सरकार के घाटे
अनंतिम अनुमान 2023-24 | 2024-25 के लिए बजट अनुमान | |
राजकोषीय घाटा | 5.6 % | 4.9 % (या 16.13 लाख करोड़ रु) |
राजस्व घाटा | 2.6 % | 1.8 % |
प्राथमिक घाटा | 2.0 % | 1.4 % |
कर राजस्व (सकल) | 11,7 % | 11.8% |
केंद्र सरकार का कर्ज | 58.2 % | 56.8% |
केंद्रीय बजट 2024-25 में भारतीय रेलवे के लिए प्रावधान
आवंटन
- वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल आवंटन 2,52,000 करोड़ रुपये है जबकि 2023-24 में यह राशि 2,40,200 करोड़ थी । पिछले साल की तुलना में इसमे लगभग 5% की वृद्धि है।
- आम चुनाव 2024 से ठीक पहले निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट 2024-25 के बाद से रेलवे के लिए बजटीय आवंटन राशि में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
रेलवे सुरक्षा
- कुल आवंटन में से 1.08 लाख करोड़ रुपये रेलवे सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा । इस पैसे का उपयोग पुराने रेलवे ट्रैक को उन्नत करने, भारतीय रेलवे की सिग्नलिंग प्रणाली में सुधार करने, फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने और भारतीय रेलवे नेटवर्क पर कवच प्रणाली स्थापित करने के लिए किया जाएगा।
- कवच सुरक्षा प्रणाली को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। कवच प्रणाली में ट्रेनों के ब्रेक को नियंत्रित करने और ड्राइवरों को सचेत करने के लिए ट्रेन के इंजन, सिग्नलिंग सिस्टम और रेल पटरियों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए जाते हैं। यदि ट्रेन निर्धारित गति सीमा से अधिक तेज़ चलती है और ड्राइवर हस्तक्षेप करने में विफल रहता है तो सिस्टम स्वचालित रूप से ट्रेन के ब्रेकिंग तंत्र को सक्रिय कर देता है और ट्रेन को रोक देता है।
रेलवे पटरियों के संबंध में प्रावधान
- 2024-25 में पटरियों के नवीनीकरण के लिए आवंटन- 17,651.98 करोड़ रुपये,
- गेज परिवर्तन हेतु आवंटन -4,719.50 करोड़,
- एकल पटरी को दोहरी लाइन पटरी में बदलने लिए आवंटन- 29,312.19 करोड़ रुपये।
- नई रेलवे लाइन बनाने के लिए आवंटन- 34,602.75 करोड़ रुपये। रेलवे का लक्ष्य 2,000 किमी नई पटरियां बिछाने का है।
- भारतीय रेलवे ने पिछले एक दशक में 31,180 किलोमीटर पटरियाँ चालू किया है। 2013-14 में प्रतिदिन 4 किलोमीटर ट्रैक बिछाया जाता था, जो अब 2023-24 में बढ़कर 14.54 किलोमीटर प्रतिदिन हो गया है।
रेलवे का विद्युतीकरण
- 2014 से 2024 तक, भारतीय रेलवे ने 41,655 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया है। 2014 तक 21,413 आरकेएम का विद्युतीकरण किया गया।
- रेल मंत्रालय का लक्ष्य जुलाई 2024 तक अपने ब्रॉड गेज नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण करना है।
रेल मार्ग के विद्युतीकरण का इतिहास
- भारत में पहली विदूयत चालित ट्रेन 3 फरवरी 1925 को बॉम्बे वीटी (अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) और मुंबई के कुर्ला हार्बर के बीच चली थी।
- स्वतंत्रता के बाद, विद्युतीकरण किया जाने वाला पहला मार्ग 1958 में पश्चिम बंगाल में हावड़ा – बर्दवान खंड था।
- रेलवे का वित्तीय प्रदर्शन
- 2024-25 में भारतीय रेलवे के लिए परिचालन अनुपात लक्ष्य 98.22 प्रतिशत रखा गया है , जबकि 2023-24 वित्तीय वर्ष के दौरान यह 98.65 प्रतिशत था।
- सरल शब्दों में, परिचालन अनुपात रेलवे द्वारा प्रत्येक 100 रुपये कमाने के लिए खर्च किए जाने वाले रुपये की संख्या है। यदि परिचालन अनुपात 100 से कम है, तो रेलवे लाभ में है, और यदि यह 100 से ऊपर है, तो रेलवे घाटे में है।
- परिचालन अनुपात जितना कम होगा, रेलवे उतना ही अधिक कार्य कुशल होगा।
- 2023-24 में रेलवे का कुल राजस्व 2.40 लाख करोड़ रुपये और कुल खर्च 2.26 लाख करोड़ रुपये था।
- 2024-25 में यात्री खंड से राजस्व सृजन का लक्ष्य 80,000 करोड़ रुपये (2023-24 में 73,000 करोड़ रुपये) है।
- 2024-25 में माल परिवहन से राजस्व सृजन का लक्ष्य 1,74,500 करोड़ रुपये है (2023-24 में यह 1,64,700 करोड़ रुपये था, जो वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य से कम था)।
माल लदान का लक्ष्य
- भारतीय रेलवे मालगाड़ी सेवाओं से लाभ कमाता है, जबकि यात्री सेवा घाटे में है।
- 2023-24 में रेलवे ने 1588 मीट्रिक टन माल लदान हासिल किया।
- भारतीय रेलवे ने 2030 तक 3000 मीट्रिक टन माल लदान का लक्ष्य रखा है।
- उम्मीद है की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (समर्पित माल गलियारे ) रेलवे को इस माल लदान लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।
समर्पित माल गलियारे
- 2024-25 के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफ़सीसी) को आवंटन: 8,155 करोड़ रुपये (पिछले साल, यह 27,482 करोड़ रुपये था)।
- इस धनराशि का उपयोग मुख्य रूप से पश्चिमी समर्पित माल गलियारे के निर्माण को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
- रेलवे बजट 2005-06 में समर्पित माल गलियारे परियोजना की घोषणा की गई थी । इसमें मालगाड़ियों के लिए एक अलग रेलवे पटरी बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर सिर्फ मालगाड़ियाँ 75 किमी प्रति घंटे से अधिक की औसत गति से चल सकें।
- रेल मंत्रालय ने परियोजना को लागू करने के लिए 2006 में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफ़सीसीआईएल ) की स्थापना की।
समर्पित माल गलियारे के दो घटक हैं: पूर्वी और पश्चिमी।
पूर्वी समर्पित माल गलियारा
- कुल लंबाई 1856 किमी।
- यह दनकुनी (पश्चिम बंगाल) को पंजाब के लुधियाना (ढंडारीकलां) से जोड़ती है।
- यह छह राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब -को जोड़ती है ।
- भारतीय रेलवे के मुताबिक, यह गलियारा चालू हो गया है।
पश्चिमी समर्पित माल गलियारा –
- यह 1506 किमी लंबा है।
- यह दादरी (उत्तर प्रदेश) को जेएनपीटी बंदरगाह मुंबई (महाराष्ट्र) से जोड़ती है।
- यह पांच राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती है।
- यह लगभग 93.2 प्रतिशत पूरा हो चुका है और 2024-25 में इसके पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है।
- जापान और विश्व बैंक भारत में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का एक प्रमुख वित्तपोषक है।
नया समर्पित माल गलियारा
2010-11 के रेलवे बजट में, सरकार ने तीन और समर्पित माल गलियारों की घोषणा की हैं जो हैं ;
- पूर्व-पश्चिम गलियारा (पालघर-भुसावल-दानकुनी लगभग 2106 किमी और राजखरसावां-अंडाल 200 किमी)
- उत्तर-दक्षिण गलियारा (इटारासी-विजयवाड़ा) लगभग 931 कि.मी
- पूर्वी तट गलियारा (खड़गपुर-विजयवाड़ा) 1078
2,500 यात्री कोच
- रेल मंत्रालय ने 2024-25 में 2,500 नए यात्री कोचों के निर्माण की घोषणा की है ।
- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 10,000 से अधिक 2,500 नए यात्री कोचों के निर्माण की घोषणा की।