शुक्र. दिसम्बर 27th, 2024

किसानों के सम्मान और श्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में 23 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय किसान दिवस (किसान दिवस) मनाया गया।उन्हें ‘किसान नेता’ के रूप में जाना जाता है, उनकी जयंती को भारतीय कृषि और ग्रामीण विकास में उनके योगदान के लिये वर्ष 2001 से ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

चौधरी चरण सिंह से संबंधित प्रमुख तथ्य

  • वर्ष 1902 में नूरपुर, मेरठ, उत्तर प्रदेश में जन्मे, वे एक भारतीय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री (1979-80) के रूप में कार्य किया।
  • उन्होंने दो बार उप-प्रधानमंत्री (जनवरी-जुलाई 1979) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया।
  • उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में छपरौली (वर्ष 1937, 1946, 1952, 1962, 1967) और बाद में बागपत के सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया।

प्रमुख योगदान

  • उन्होंने विकेंद्रीकरण, ज़मीनी स्तर पर शासन और स्थानीय आर्थिक स्वायत्तता को बढ़ावा दिया ।
  • उन्होंने ऋण राहत विधेयक, 1939 का प्रारूप तैयार किया, जिससे किसानों को साहूकारों से मुक्ति मिली तथा जोत सीमा आरोपण अधिनियम, 1960 में भूमि की अधिकतम सीमा को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की वकालत की, भूमिहीनों को लाभ पहुँचाने के लिये चकबंदी अधिनियम (1953) तथा उत्तरप्रदेश जमींदारी और भूमि सुधार अधिनियम (1952) पेश किये।
  • उन्होंने कृषि-बाज़ार बुनियादी ढाँचे का निर्माण करते हुए कृषि उपज (ग्रेडिंग और मार्केटिंग) अधिनियम (1938) का प्रस्ताव रखा।
  • उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग को मंत्रालय का दर्जा दिया तथा नाबार्ड की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

सामाजिक योगदान

  • उन्होंने ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्रता के लिये महात्मा गांधी के साथ मिलकर अहिंसक आंदोलन किया और कई बार जेल भी गए।
  • उन्होंने जातिगत विभाजन का विरोध करके, अंतर्जातीय विवाहों को बढ़ावा दिया तथा कृषकों के आश्रितों के लिये कोटा का समर्थन करके सामाजिक न्याय की वकालत की, जो कि बी.आर. अंबेडकर के एकीकृत सामाजिक और आर्थिक सुधारों के दृष्टिकोण से मेल खाता था।
  • उन्होंने ‘ज़मींदारी उन्मूलन’, ‘कोऑपरेटिव फार्मिंग एक्स-रेड’, ‘इंडिया पावर्टी एंड इट्स सॉल्यूशन’, ‘किसान स्वामित्व या श्रमिकों के लिये भूमि’ और ‘प्रिवेंशन ऑफ डिविजन ऑफ होल्डिंग बिलो अ सर्टेन मिनिमम’ जैसी प्रभावशाली पुस्तकें लिखीं।

प्रासंगिकता

  • वर्तमान की पहलें जैसे-किसानों की आय दोगुनी करना, MSME प्रोत्साहन, पंचायती राज और नैतिक प्रशासन उनके दूरदर्शी विचारों से प्रेरित हैं।
  • हाल ही में, 2024 में सरकार ने उन्हें 4 अन्य पुरस्कार विजेताओं- कर्पूरी ठाकुर, मनकोम्बु संबाशिवन (MS) स्वामीनाथन, पामुलपर्थी वेंकट (P. V.) नरसिम्हा राव, लाल कृष्ण आडवाणी के साथ प्रतिष्ठित भारत रत्न से सम्मानित किया।
  • सरकार ने उनके सम्मान में 2008 में लखनऊ हवाई अड्डे का नाम बदलकर चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कर दिया।
  • 29 मई 1987 को उनका निधन हो गया। नई दिल्ली में उनका स्मारक स्थित है जिसे किसान घाट कहते हैं।

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