रवि. मार्च 16th, 2025

भारत के आयकर विधेयक, 2025 ने हाल ही में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के लिए एक कानूनी ढांचा पेश किया है।वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो एसेट्स) मूल्य के किसी भी डिजिटल प्रतिनिधित्व को संदर्भित करते हैं जिसका डिजिटल रूप से व्यापार, हस्तांतरण या भुगतान के लिए उपयोग किया जा सकता है।यह आयकर विधेयक, 2025 धारा 2(111) और धारा 92 (5)(f) में पाया जाता है और इसमें क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) जैसी डिजिटल संपत्तियां शामिल हैं।भारत का विधेयक पहली बार VDA (क्रिप्टोकरेंसी और NFT सहित) को संपत्ति और पूंजीगत संपत्ति के रूप में मानता है।सरकार यह सुनिश्चित करती है कि उन पर मानक संपत्ति सिद्धांतों के तहत कर लगाया जाए, VDA को पूंजीगत संपत्ति के रूप में वर्गीकृत करके अनियमित वित्तीय साधनों के रूप में दुरुपयोग को रोका जाए।भारत अब यू.के., यू.एस., सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ वी.डी.ए. को संपत्ति या प्रतिभूतियों के रूप में मानने के लिए सहमत हो गया है।

मुख्य प्रावधान

  • 30% कर VDA के हस्तांतरण पर लगाया जाएगा।
  • 1% TDS प्रत्येक लेनदेन पर लागू होगा।
  • रिपोर्टिंग अनिवार्य होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और वित्तीय दुरुपयोग रोका जा सकेगा।

आभासी डिजिटल परिसंपत्ति (Virtual Digital Assets -VDAs)

  • परिभाषा: वित्त अधिनियम, 2022 में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2 में खंड 47A जोड़कर VDAs को परिभाषित किया गया।
  • सुप्रीम कोर्ट का दृष्टिकोण: Internet and Mobile Association of India v. RBI मामले में FATF रिपोर्ट का संदर्भ लेकर वर्चुअल करेंसी (VC) को डिजिटल यूनिट के रूप में वर्णित किया, जो विनिमय माध्यम, मूल्य मापक व संग्रहण साधन हो सकती है, लेकिन कानूनी मुद्रा नहीं है।
  • VDAs की कानूनी व्याख्या: कोर्ट ने इन्हें संपत्ति, वस्तु या भुगतान माध्यम माना और निष्कर्ष निकाला कि ये अमूर्त संपत्ति (Intangible Property) या वस्तु के रूप में देखे जा सकते हैं।

आभासी डिजिटल परिसंपत्ति (VDAs) पर नया कराधान (Income Tax Bill, 2025)

  • 30% कर जारी रहेगा: VDA हस्तांतरण से होने वाली आय पर 2022 में लागू किया गया 30% कर जारी रहेगा।

कटौती की अनुमति नहीं

  • केवल अधिग्रहण लागत (Cost of Acquisition) की कटौती संभव है।
  • माइनिंग, लेनदेन शुल्क और प्लेटफ़ॉर्म कमीशन पर कोई छूट नहीं मिलेगी।

उदाहरण:

  • यदि कोई व्यक्ति Ethereum को ₹5 लाख में खरीदकर ₹7 लाख में बेचता है, तो ₹2 लाख लाभ पर 30% कर लगेगा।
  • लेनदेन शुल्क सहित अन्य खर्चों पर कोई कर राहत नहीं दी जाएगी।

1% TDS लागू होगा

  • हर VDA ट्रांजैक्शन पर 1% TDS कटेगा, P2P लेनदेन में भी।
  • छोटे व्यापारियों के लिए सीमा ₹50,000 और अन्य के लिए ₹10,000 है।
  • अन्य देशों की तुलना: यह कर प्रणाली UAE की तुलना में सख्त है, जहाँ कुछ VDA लाभों पर कर नहीं लगाया जाता।

आभासी डिजिटल परिसंपत्ति (VDA) पर कराधान की चुनौतियाँ

  • समग्र विनियमों की कमी: कराधान लागू है, लेकिन बाजार नियमन, निवेशक संरक्षण, और प्रवर्तन अभी भी कमजोर हैं।
  • कटौती का अभाव: अन्य परिसंपत्तियों की तरह क्रिप्टो निवेशकों को लेनदेन शुल्क, माइनिंग लागत, या कमीशन पर कोई छूट नहीं मिलती।
  • उच्च कर भार: 30% फ्लैट टैक्स खुदरा निवेशकों और क्रिप्टो स्टार्टअप्स के लिए हतोत्साहित करने वाला है।
  • जटिल अनुपालन (Compliance Complexity): TDS और रिपोर्टिंग आवश्यकताएँ व्यापारियों, एक्सचेंजों और व्यवसायों पर अतिरिक्त भार डालती हैं।
  • वैश्विक क्रिप्टो प्रवाह: निवेशक कम कर वाले देशों में फंड स्थानांतरित कर सकते हैं, जिससे भारत का संभावित कर राजस्व घट सकता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Login

error: Content is protected !!