रवि. नवम्बर 24th, 2024
  • सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।
  • भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ फैसला सुनाया।
  • इस फैसले ने उच्च न्यायालय के फैसले को “असंवैधानिक” और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करार दिया।
  • सुप्रीम कोर्ट ने यह भी घोषित किया कि मदरसे उच्च शिक्षा की डिग्री नहीं दे सकते क्योंकि यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम का उल्लंघन है।
  • पीठ ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी कि मदरसों में शैक्षिक मानक आधुनिक शैक्षणिक अपेक्षाओं के अनुरूप हों।
  • उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को 22 मार्च, 2024 को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया था।

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