शुक्र. मई 17th, 2024

ईरान की संसद ने 20 सितंबर,2021 को एक विवादास्पद ‘हिजाब और शुद्धता की संस्कृति के लिए समर्थन’ विधेयक को पारित किया, जो इस्लामी ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वाली महिलाओं को दंडित करेगा।

मुख्य बिंदु

  • इस विधेयक के अनुसार, जो महिलाएं हिजाब या इस्लामिक ड्रेस कोड के अनुसार कपड़े नहीं पहनेंगी,तो उन्हें 10 साल तक की जेल की सजा का सामना करना पड़ेगा।
  • ‘हिजाब और शुद्धता की संस्कृति के लिए समर्थन’ विधेयक को तीन साल की परीक्षण अवधि के लिए मंजूरी दी गई है।
  • विधेयक में मीडिया और सोशल नेटवर्क पर नग्नता को बढ़ावा देने या हिजाब का मज़ाक उड़ाने वालों और उन वाहनों के मालिकों के लिए जुर्माने का भी प्रस्ताव है, जिनमें महिला चालक या यात्री ने हिजाब या उचित कपड़े नहीं पहने हैं।
  • विधेयक को अब मौलवियों और न्यायविदों की एक रूढ़िवादी संस्था ‘गार्जियन काउंसिल’ के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। यदि वे विधेयक को संविधान और शरिया के साथ असंगत मानते हैं तो उन्हें वीटो की शक्ति प्राप्त है।
  • वर्ष 2022 में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद से ईरान में महिलाएं इस्लामी गणतंत्र के सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन कर रही हैं, जिसके तहत सिर ढकने और मामूली कपड़े पहनने की आवश्यकता होती है।
  • 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद प्रदर्शनकारी भड़क गए, जिन्हें कथित तौर पर ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
  • प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे ड्रेस कोड के साथ-साथ देश के सत्तारूढ़ मौलवियों के भ्रष्टाचार और खराब शासन को लेकर गुस्से से प्रेरित थे।
  • 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद गणतंत्र स्थापना के प्रारंभिक वर्षों के बाद से ही ईरान में महिलाओं के लिए सिर और गर्दन को ढंकना अनिवार्य रहा है।
  • अधिकारियों और पुलिस गश्ती दल ने हाल के महीनों में उन महिलाओं और व्यवसायों के खिलाफ कदम बढ़ा दिए हैं, जो ड्रेस कोड का पालन करने में विफल रहती हैं।
  • अनुपालन न करने पर व्यवसाय बंद कर दिए जाते हैं और ड्रेस कोड की निगरानी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी कैमरे लगाए गए हैं।

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