- हाल ही में, तमिलनाडु सरकार ने भारत सरकार के वन्यजीव आवास कार्यक्रम के एकीकृत विकास के तहत ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ (Project Dolphin) को लागू करने का आदेश जारी किया.
- इसे 2023-2024 के दौरान 8.13 करोड़ रुपये की लागत से लागू किया जाएगा.
- इसके तहत 60% राशि केंद्र सरकार देगी, वहीं शेष लागत राज्य सरकार वहन करेगी.
‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’
- इस पहल को वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ‘राष्ट्रीय गंगा परिषद’ (NGC) की पहली बैठक में सैद्धांतिक मंज़ूरी मिली थी।
- ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ वर्ष 2019 में स्वीकृत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी अंतर-मंत्रालयी पहल- ‘अर्थ गंगा’ के तहत नियोजित गतिविधियों में से एक है।
- ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की तर्ज़ पर शुरू किया गया है, ज्ञात हो कि ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ का उद्देश्य बाघों की आबादी बढ़ाने में मदद करना है।
- इसे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है।
- गंगा डॉल्फिन, जो कि एक राष्ट्रीय जलीय जानवर है और कई राज्यों में विस्तृत गंगा नदी के लिये संकेतक प्रजाति भी है, के लिये एक विशेष संरक्षण कार्यक्रम शुरू किये जाने की आवश्यकता है।
- संकेतक प्रजातियाँ अक्सर सूक्ष्मजीव या पौधा होते हैं, जो किसी विशिष्ट क्षेत्र में मौजूद पर्यावरणीय परिस्थितियों की माप के रूप में कार्य करते हैं।
- चूँकि गंगा डॉल्फिन खाद्य शृंखला के शीर्ष पर है, प्रजातियों और उसके आवास की रक्षा करने से नदी के जलीय जीवन का संरक्षण सुनिश्चित होगा।
- अब तक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), जो सरकार की प्रमुख योजना नमामि गंगे को लागू करती है, डॉल्फिन को बचाने हेतु पहल कर रहा है।