सोम. मई 13th, 2024
  • जेटी-60एसए दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत परमाणु संलयन रिएक्टर है।
  • इसने 01 दिसंबर को जापान के इबाराकी प्रान्त में परिचालन शुरू किया।
  • यह यूरोपीय संघ और जापान के बीच एक संयुक्त पहल है। यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रायोगिक परमाणु संलयन रिएक्टर है।
  • संलयन विखंडन से भिन्न है। विखंडन वह तकनीक है जिसका उपयोग वर्तमान में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किया जाता है।
  • संलयन में एक नाभिक को विभाजित करने के स्थान पर दो परमाणु नाभिकों को संलयन करना शामिल है।
  • छह मंजिला लंबा जेटी-60एसए रिएक्टर टोक्यो के उत्तर में नाका के पास एक हैंगर में रखा गया है। हैंगर एक बड़ी इमारत होती है जहाँ विमान रखे जाते हैं।
  • इसमें डोनट के आकार का एक “टोकामक” वेस्सेल है जिसका उद्देश्य 200 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक गर्म किए गए घूमते प्लाज्मा को रखना है।
  • जेटी-60एसए निर्माणाधीन अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (आईटीइआर) का पूर्वगामी है।
  • जेटी-60एसए और आईटीइआर दोनों का लक्ष्य हाइड्रोजन नाभिक के संलयन को हीलियम, जो एक भारी तत्व है, में प्रेरित करना है जिससे गर्मी और प्रकाश के रूप में ऊर्जा निकलती है।

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