सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने ‘श्रेष्ठ’ योजना पर प्रकाश डाला है। इस योजना को लक्षित क्षेत्रों में हाईस्कूल के छात्रों के लिये आवासीय शिक्षा योजना (SHRESHTA) के रूप में जाना जाता है।
श्रेष्ठ की मुख्य विशेषताएँ
- इसका मूल उद्देश्य देश के सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करके अनुसूचित जाति के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का उत्थान करना है।
- CBSE से संबद्ध निजी स्कूलों के कक्षा 9 और कक्षा 11 में प्रवेश प्रदान किया जाएगा।
- अनुसूचित जाति के छात्र जो वर्तमान शैक्षणिक वर्ष (2021-22) में 8वीं और 10वीं की कक्षा में पढ़ रहे हैं, योजना का लाभ उठाने के लिये पात्र हैं।
- इस योजना में 2.5 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले हाशिये पर रहने वाले आय-वर्ग से आने वाले अनुसूचित जाति समुदाय के छात्र पात्र हैं।
पात्रता
परिचालन प्रक्रिया
यह योजना दो मोड में कार्यान्वित की जा रही है
मोड 1: श्रेष्ठ विद्यालय
चयन प्रक्रिया
- मेधावी अनुसूचित जाति के छात्रों का चयन प्रतिवर्ष राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित श्रेष्ठ के लिये राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा (National Entrance Test for SHRESHTA- NETS) के माध्यम से किया जाता है।
- चयनित छात्रों को कक्षा 9वीं तथा 11वीं में सर्वश्रेष्ठ सी.बी.एस.ई./राज्य बोर्ड से संबद्ध निजी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाता है।
आर्थिक सहायता
- स्कूल शुल्क तथा छात्रावास शुल्क को कवर करने वाले छात्र के लिये कुल शुल्क विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
- योजना के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक स्वीकार्य शुल्क Rs. 1,00,000 से Rs. 1,35,000 है।
ब्रिज कोर्स
- छात्रों की स्कूल के वातावरण में सरलता से अनुकूलन करने की क्षमता को बेहतर करने के लिये नियमित रूप से स्कूल समय के उपरांत एक ब्रिज कोर्स प्रदान किया जाता है।
- विभाग ब्रिज कोर्स के लिये वार्षिक शुल्क का 10% वहन करता है।
निगरानी
- मंत्रालय नियमित रूप से छात्रों की प्रगति की निगरानी करता है।
मोड 2: NGO/VO संचालित स्कूल/छात्रावास
- NGO/VO द्वारा 12वीं कक्षा तक संचालित स्कूलों/छात्रावासों को अनुसूचित जाति के छात्रों के लिये स्कूल फीस और आवासीय शुल्क के लिये अनुदान मिलता है।
- स्कूल के प्रकार के आधार पर अनुदान प्रति छात्र 27,000 रुपए से 55,000 रुपए तक हो सकता है।
निगरानी
- मंत्रालय नियमित रूप से छात्रों की प्रगति की निगरानी करता है।
- पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए संस्थानों को अपनी वेबसाइटों और ई-अनुदान/ऑनलाइन पोर्टल पर प्रदर्शन का खुलासा करना आवश्यक है।
- संस्थानों में कैमरों की स्थापना, निगरानी उद्देश्यों के लिये लाइव फीड प्रदान करना।
- सभी संस्थान इस उद्देश्य हेतु गठित एक निरीक्षण दल द्वारा क्षेत्रीय दौरे के लिये उत्तरदायी हैं।
प्रभाव
- सत्र 2023-24 (दिसंबर 2023 तक): 7,543 लाभार्थी।
- सत्र 2023-24 में प्रवेश: 142 निजी आवासीय विद्यालयों में कुल 2,564 छात्रों को प्रवेश दिया गया और स्कूल की फीस के लिये 30.55 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति की गई है।