शुक्र. मई 17th, 2024

पक्षी शोधकर्ताओं द्वारा भारत में पहली बार तेलंगाना के वारंगल में अम्मावारीपेट झील के पास एक स्पर-विंग्ड लैपविंग पक्षी को देखा गया।

स्पर-विंग्ड लैपविंग

  • इसका वैज्ञानिक नाम वेनेलस स्पिनोसस (Vanellus spinosus) है।
  • यह एक शिकारी पक्षी हैं, जो शिकार की परिस्थितियों के अनुसार दिन एवं रात में सक्रिय रहता है।
  • यह उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों का मूल निवासी है।
  • इसकी लंबाई 28 से 31 सेंटीमीटर होती है।
  • इनका वजन 128 से 330 ग्राम होता है।
  • इनके पंखों का फैलाव 82 से 87 सेंटीमीटर लंबा होता है।

विशेषता

  • यह कबूतर के आकार का गठीले शरीर और मजबूत पैरों वाला पक्षी है।
  • इनकी भूरे, काले और सफेद पंख और चमकदार लाल आंखें होती हैं।
  • ये मिलनसार पक्षी हैं, जो साथियों को आकर्षित करने, क्षेत्र की रक्षा करने और खतरों का संकेत देने के लिए कई अलग-अलग स्वरों का उपयोग करते हैं।
  • नर स्पर-विंग्ड लैपविंग नृत्य करके और पुकारकर मादाओं का सम्मान करते हैं।

पर्यावास

  • यह ताजे या खारे पानी के निकायों के पास दलदल, खेती योग्य भूमि, घास का मैदान, बंजर भूमि, झीलों, तालाबों और नदियों के किनारों पर पाया जाता है।
  • इनके घोंसले पानी के पास कम वनस्पति वाले क्षेत्रों में जमीन में खोदे गए छोटे-छोटे छेदों से बने होते हैं।

आहार

  • यह मुख्य रूप से कीड़े, कीट लार्वा और अन्य अकशेरुकी जीवों का भोजन करते हैं।
  • यह बहुत सारे अकशेरुकी जीवों को खाकर पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर अकशेरुकी आबादी को विनियमित करने में सहायता करते हैं।

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