- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल द्वारा लिम्फेटिक फाइलेरियासिस उन्मूलन के लिए राष्ट्रव्यापी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान का पहला चरण शुरू किया गया है।
- इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में इस बीमारी से प्रभावित लोगों को मुफ्त निवारक दवाएं प्रदान करके रोग संचरण को नियंत्रित करना है।
- यह अभियान अगले दो सप्ताह में 11 राज्यों के 92 जिलों को कवर करेगा।
- भारत वैश्विक लक्ष्य से तीन साल पहले, 2027 तक लिम्फेटिक फाइलेरियासिस को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- भारत में इस अभियान में कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत 11 राज्य हिस्सा ले रहे हैं।
- वर्तमान में, 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 345 लिम्फेटिक फाइलेरिया स्थानिक जिले मौजूद हैं।
- मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के 75 प्रतिशत जिले 5 राज्यों बिहार, झारखंड, यूपी, ओडिशा और तेलंगाना से हैं।
- मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के 15-20 से अधिक चरणों के बावजूद, केवल 138 जिलों ने एमडीए को समाप्त किया है।
लिम्फेटिक फाइलेरियासिस
- यह एक परजीवी रोग है जो फिलारियोडिडिया परिवार के नेमाटोड कृमियों (राउंडवॉर्म) के कारण होता है।
- यह संक्रमित मच्छरों द्वारा फैलता है और तीव्र और दीर्घकालिक लक्षण पैदा कर सकता है।
- यह एशिया के कुछ उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, अफ्रीका, पश्चिमी प्रशांत और कैरेबियन और दक्षिण अमेरिका में प्रचलित है।