शुक्र. मई 17th, 2024

भारत सरकार ने मेरा गाँव मेरी धरोहर (Mera Gaon, Meri Dharohar – MGMD) कार्यक्रम के तहत सभी गाँवों का मानचित्रण और दस्तावेज़ीकरण करने का निर्णय लिया है।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय गाँवों के जीवन, इतिहास और लोकाचार की विस्तृत जानकारी संकलित करना तथा इसे आभासी तथा वास्तविक समय के आगंतुकों (visitors) के लिये उपलब्ध कराना है।

संस्कृति मंत्रालय ने ‘मेरा गांव, मेरी धरोहर’ (एमजीएमडी) कार्यक्रम के तहत सभी गांवों की मैपिंग और प्रलेखन तैयार कर रहा है. संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के समन्वय से सांस्कृतिक मैपिंग पर राष्ट्रीय मिशन चलाया जा रहा है. 27 जुलाई, 2023 को एमजीएमडी पर एक वेब पोर्टल भी लॉन्च किया गया था. MGMD कार्यक्रम भारतीय गाँवों के जीवन, इतिहास तथा लोकाचार की विस्तृत जानकारी संकलित करने एवं इसे आभासी व वास्तविक समय के आगंतुकों के लिये उपलब्ध कराने का प्रयास करता है।

MGMD के तहत, सात व्यापक श्रेणियों के तहत जानकारी एकत्र की जाती है

  • कला एवं शिल्प गाँव
  • पारिस्थितिकीय दृष्टि से उन्मुख गाँव
  • भारत की पाठ्य एवं शास्त्रीय परंपराओं से जुड़ा स्कोलास्टिक गाँव
  • रामायण, महाभारत और/या पौराणिक कथाओं तथा मौखिक महाकाव्यों से जुड़ा महाकाव्य गाँव
  • स्थानीय और राष्ट्रीय इतिहास से जुड़ा ऐतिहासिक गाँव
  • वास्तुकला विरासत गाँव
  • कोई अन्य विशेषता जिसे उजागर करने की आवश्यकता हो जैसे मछली पकड़ने वाला गाँव, बागवानी गाँव, चरवाहा गाँव आदि।

MGMD राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन (National Mission on Cultural Mapping – NMCM) का एक घटक है, जिसे आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में शुरू किया गया है।MGMD के तहत 6.5 लाख गाँवों का सांस्कृतिक मानचित्रण किया जा रहा है और 2 लाख से अधिक गाँवों का मानचित्रण पहले ही किया जा चुका है तथा मिशन पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है जो राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यस्थल के रूप में कार्य करता है।

राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन

  • संस्कृति मंत्रालय ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने एवं ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में इसकी रचनात्मक क्षमता की पहचान करने व प्रलेखीकरण करने के लिये NMCM की स्थापना की।

सांस्कृतिक मानचित्रण तीन स्तरों पर कार्य करता है

  1. कलाकारों की राष्ट्रीय निर्देशिकाएँ तथा सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित लोग।
  2. कला अभिव्यक्ति तथा कलाकार समुदायों/परंपरा के वाहकों की राष्ट्रीय डिजिटल सूची/रजिस्टर का निर्माण।
  3. कला प्रथाओं के संरक्षण के लिये नीतियाँ विकसित करना और साथ ही उनके अभ्यासकर्त्ताओं के लिये कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वन करना।

मिशन अधिदेश

  • व्यापक थल सर्वेक्षणों तथा प्रलेखीकरण की सहायता से सांस्कृतिक मानचित्रण के माध्यम से एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना।
  • भावी पीढ़ियों के लिये इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित, सुरक्षित, पुनर्जीवित तथा प्रसारित करना।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म तथा लोकसंपर्क गतिविधियों का माध्यम से पूरे देश में एक सुदृढ़ “सांस्कृतिक जीवंतता” का परिवेश विकसित करना।

कला और संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु वित्तीय सहायता की योजना

  • यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका उद्देश्य देश में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों तथा संगठनों का समर्थन करना है। इस योजना में 8 घटक शामिल हैं तथा प्रत्येक का एक अलग उद्देश्य एवं वित्तपोषण आवंटन है।
  • कला और संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु वित्तीय सहायता की योजना में निम्नलखित 8 घटक शामिल हैं:
  • राष्ट्रीय उपस्थिति वाले सांस्कृतिक संगठनों को वित्तीय सहायता:
  • कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिये राष्ट्रीय उपस्थिति वाले प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • यह अनुदान ऐसे संगठनों को प्रदान किया जाता है जो अखिल भारतीय गुणों के साथ भारत में पंजीकृत उचित रूप से गठित प्रबंध निकाय हैं तथा जिनके पास पर्याप्त कार्य बल है एवं सांस्कृतिक गतिविधियों हेतु विगत 5 वर्षों में से किन्हीं 3 वर्षों के दौरान 1 करोड़ रुपए अथवा उससे अधिक की राशि का व्यय करने का ट्रैक रिकॉर्ड है।
  • अधिकतम अनुदान: 1 करोड़ रुपए।

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