सोम. मई 6th, 2024
  • विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में दुनिया में डोपिंग के मामलों की संख्या सबसे अधिक भारत में पायी गई है ।
  • खेलों में डोपिंग का तात्पर्य प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया में अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से एथलीटों द्वारा प्रदर्शन बढ़ाने वाली प्रतिबंधित दवाओं के उपयोग से है।
  • द हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक भारतीय एथलीटों के मूत्र, रक्त और सूखे रक्त धब्बे (डीबीएस) सहित 3,865 नमूनों का परीक्षण किया गया। 125 नमूनों में प्रतिकूल विश्लेषणात्मक निष्कर्ष (एएएफ) आये। इसका मतलब है कि इन नमूनों में प्रतिबंधित शक्तिवर्धक दबाइयाँ पाई गईं।
  • विभिन्न देशों के एथलीटों के परीक्षण में से केवल भारतीय नमूने में 100 से अधिक सकारात्मक परिणाम आए।

विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी

  • विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की स्थापना 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और दुनिया की सरकारों द्वारा रचित और वित्त पोषित एक अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र एजेंसी के रूप में की गई थी।
  • इसका मुख्य उद्देश्य खेल में एथलीटों द्वारा प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं (डोप) के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ लड़ना है।
  • वाडा की प्राथमिक भूमिका सभी खेलों और देशों में डोपिंग रोधी नियमों और नीतियों का विकास, सामंजस्य और समन्वय करना है।
  • वाडा  एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। कई देशों के राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संगठन इससे संबंधित हैं जो इसकी ओर से डोपिंग परीक्षण करते हैं।

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