सोम. मई 6th, 2024
  • भारतीय मूल के तंत्रिका विशेषज्ञ (न्यूरोलॉजिस्ट) डॉ. अश्विनी केशवन को ब्रिटेन के विश्व स्तरीय शोध दल में शामिल किया गया है।
  • इस दल को रक्त की जांच के जरिए डिमेंशिया रोग का पता लगाने की दिशा में शोध करने और इस दिशा में अधिक साक्ष्य एकत्र करने का काम सौंपा गया है।
  • इस शोध दल के नतीजे का आने वाले पाँच वर्षों में और व्यापक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
  • डिमेंशिया (मनोभ्रम) से प्रभावित लोगों की यादाश्त कमजोर हो जाती है।
  • डॉ. अश्विनी केशवन अल्जाइमर रोग के लिए आशाजनक बायोमार्कर पी-टाउ217 पर ध्यान केन्द्रित करने वाली टीम में शामिल हैं।
  • वहीं, आक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्विद्यालयों के शोधकर्ताओं की एक अन्य टीम डिमेंशिया का कारण बनने वाली बिमारियों का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रोटीन के संबंध में परिक्षण करेंगी। दोनों टीम इलाज को किफायती और प्रभावी बनाने की दिशा में काम करेंगी।

डिमेंशिया (मनोभ्रंश)

  • डिमेंशिया एक सिंड्रोम है। यह सामान्यतः उम्र बढ़ने के जैविक सिद्धांत के सामान्य परिणामों से भिन्न, संज्ञानात्मक कार्य में गिरावट की ओर ले जाता है।
  • यह स्मृति, सोच-विचार, अभिविन्यास, समझ, गणना, सीखने की क्षमता, भाषा और निर्णय को प्रभावित करता है।
  • हालाँकि डिमेंशिया के कारण चेतना प्रभावित नहीं होती है।
  • इसके कारण होने वाली कुल मौतों में से 65% महिलाएँ हैं। डिमेंशिया के कारण विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष पुरुषों की तुलना में महिलाओं में लगभग 60% अधिक है।

डिमेंशिया के मुख्य लक्षण

  • डिमेंशिया में स्मृतिलोप, सोचने में कठिनाई, दृश्य धारणा, स्व-प्रबंधन, समस्या समाधान या भाषा और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता जैसे लक्षण शामिल हैं।
  • डिमेंशिया में व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन होता है जैसे- अवसाद, व्याकुलता, मानसिक उन्माद और चित्तवृति या मनोदशा।

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