शुक्र. मई 3rd, 2024

डाक विभाग ने लगभग चार दशकों के बाद अंटार्कटिक के भारती अनुसंधान केंद्र में डाकघर की दूसरी शाखा खोली है।अंटार्कटिक के लिये इच्छित पत्रों को अब एक नए प्रयोगात्मक पिन कोड- MH-1718 के साथ संबोधित किया जाएगा, जो एक नई शाखा के लिये विशिष्ट है।वर्तमान में मैत्री और भारती दो सक्रिय अनुसंधान स्टेशन हैं जिन्हें भारत अंटार्कटिक में संचालित करता है।

अंटार्कटिक में भारत के डाकघर का क्या महत्त्व है

ऐतिहासिक संदर्भ

  • वर्ष 1984 में भारत ने अंटार्कटिक में अपना पहला डाकघर दक्षिण गंगोत्री (भारत का पहला अनुसंधान स्टेशन) में स्थापित किया।
  • दुर्भाग्य से वर्ष 1988-89 में दक्षिण गंगोत्री बर्फ में डूब गया और बाद में इसे निष्क्रिय कर दिया गया था।

परंपरा को जारी रखना

  • भारत ने 26 जनवरी, 1990 को अंटार्कटिक में मैत्री अनुसंधान केंद्र पर एक और डाकघर स्थापित किया।
  • भारत के दो अंटार्कटिक अनुसंधान बेस, मैत्री और भारती हालाँकि 3,000 किमी. दूर हैं लेकिन दोनों गोवा डाक प्रभाग के अंतर्गत आते हैं।

परिचालन प्रक्रिया

  • अंटार्कटिक में डाकघर के लिये आने वाले पत्र गोवा में राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र (NCPOR) को भेजे जाते हैं।
  • NCPOR से अंटार्कटिक के लिये रवाना हुए शोधकर्त्ता अपने साथ पत्रों को ले जाते हैं।
  • अनुसंधान बेस पर पत्रों को ‘रद्द’ कर दिया जाता है, वापस लाया जाता है और डाक के माध्यम से वापस कर दिया जाता है।
  • ‘रद्दीकरण’ शब्द का तात्पर्य स्टांप या डाक स्टेशनरी पर लगाए गए उस निशान से है जो उसे पुन: उपयोग के लिये बेकार कर देता है।

रणनीतिक उपस्थिति

  • अंटार्कटिक में भारतीय डाकघर का अस्तित्त्व एक रणनीतिक उद्देश्य की पूर्ति करता है।
  • यह भारतीय क्षेत्र के अंर्तगत वह स्थान है जहाँ आमतौर पर भारतीय डाकघर संचालित है। भारत के पास अंटार्कटिक महाद्वीप पर स्वयं को स्थापित करने के लिये यह एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है क्योंकि यह क्षेत्र अंटार्कटिक संधि के तहत विदेशी एवं तटस्थ है।
  • यह वैज्ञानिक अन्वेषण एवं पर्यावरण के नेतृत्व के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

अंटार्कटिक की शासन व्यवस्था

  • अंटार्कटिक संधि क्षेत्रीय दावों को समाप्त करती है और साथ ही सैन्य अभियानों एवं परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाने तथा वैज्ञानिक खोज पर ज़ोर देती है।
  • इस विदेशी भूमि में एक भारतीय डाकघर का होना संधि की भावना के अनुरूप है।

भारत का अंटार्कटिक कार्यक्रम

  • यह राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं महासागर अनुसंधान केंद्र (NCPOR) के अंर्तगत एक वैज्ञानिक अनुसंधान तथा अन्वेषण कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत वर्ष 1981 में हुई जब अंटार्कटिका पर पहला भारतीय अभियान चलाया गया।
  • NCPOR की स्थापना वर्ष 1998 में हुई थी।

दक्षिणी गंगोत्री

  • दक्षिणी गंगोत्री भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में अंटार्कटिक में स्थापित पहला भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान स्टेशन था।
  • हालाँकि यह वर्ष 1988-89 में बर्फ में डूब गया था तथा बाद में इसे निष्क्रिय कर दिया गया था।

मैत्री

  • मैत्री अंटार्कटिक में भारत का दूसरा स्थायी अनुसंधान स्टेशन है। यह वर्ष 1989 में निर्मित किया गया था।
  • मैत्री, शिरमाकर ओएसिस नामक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। भारत ने मैत्री के आस-पास मीठे पानी की एक झील भी बनाई जिसे प्रियदर्शिनी झील के नाम से जाना जाता है।

भारती

  • भारती, वर्ष 2012 से भारत का नवीनतम अनुसंधान स्टेशन है। इसका निर्माण शोधकर्त्ताओं को खराब मौसम के बावजूद सुरक्षित रूप से कार्य करने में सहायता हेतु किया गया है।
  • यह भारत की पहली प्रतिबद्ध अनुसंधान सुविधा है और मैत्री से लगभग 3000 किमी. पूर्व में स्थित है।

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