सोम. मई 6th, 2024
G20 Summit 2023 of Joint Declaration New Delhi DeclarationG20 Summit 2023 of Joint Declaration New Delhi Declaration

जी20 समिट की इस साल भारत अध्यक्षता कर रहा है. इस सम्मेलन का आयोजन 9 और 10 सितंबर को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में किया गया है .

G20 का पहला साझा घोषणा पत्र

  • नई दिल्ली में जारी G20 समिट के पहले दिन ही साझा घोषणा पत्र पर सहमति बन गई है। शनिवार को दूसरे सेशन की शुरुआत में PM मोदी ने बतौर अध्यक्ष सभी सदस्य देशों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पारित कर दिया।

G20 का साझा घोषणा पत्र कुल 37 पेज का है। इसमें कुल 83 पैराग्राफ हैं। इसे ही नई दिल्ली डिक्लेरेशन कहा गया है। इसमें शामिल मुख्य प्रस्ताव इस प्रकार  हैं

  • सभी देश सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल पर काम करेंगे। भारत की पहल पर वन फ्यूचर अलायंस बनाया जाएगा।
  • सभी देशों को UN चार्टर के नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए।
  • बायो फ्यूल अलायंस बनाया जाएगा। इसके फाउंडिंग मेंबर भारत, अमेरिका और ब्राजील होंगे।
  • एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य पर जोर दिया जाएगा।
  • मल्टीलैट्रल डेवलपमेंट बैंको को मजबूती दी जाएगी। उन्हें बेहतर, बड़ा और ज्यादा कारगर बनाया जाएगा।
  • ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर जोर दिया जाएगा।
  • क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक ग्लोबल पॉलिसी बनाने को लेकर बातचीत की जाएगी।
  • कर्ज को लेकर बेहतर व्यवस्था बनाने को लेकर भारत ने कॉमन फ्रेमवर्क बनवाने की बात पर जोर दिया है।
  • दुनिया में तेजी से विकास करने वाले शहरों को फंड किया जाएगा।
  • ग्रीन और लो कार्बन एनर्जी टेक्नोलॉजी पर काम किया जाएगा।
  • सभी देशों ने आतंकवाद के हर रूप की आलोचना की है। आतंकवाद का 9 बार जिक्र किया गया।

भारत के साथ इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाएंगे यूरोप और मिडिल ईस्ट

  • भारत की राजधानी में हुई G20 समिट को एक ऐतिहासिक डील के लिए याद किया जाएगा। यह डील भारत, यूरोप और मिडिल ईस्ट यानी खाड़ी देशों के बीच हुई है।
  • इसे भारत, यूरोप, मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर डील कहा गया है। इसे चीन के दो प्रोजेक्ट्स का जवाब माना जा रहा है।
  • ये हैं- बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर या CPEC। एक लिहाज से CPEC को BRI का ही हिस्सा माना जाता है।
  • 8 देश इस इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा हैं। इस डील के बेशुमार फायदे हैं और इसे 10 साल में कम्प्लीट करने का टारगेट है।

डील में ये देश शामिल

  • भारत, यूनाइटेड अरब ऑफ एमीरेट्स (UAE), सऊदी अरब, यूरोपीय यूनियन (EU), इटली, जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने पिछले दिनों इस डील की तरफ इशारा करते हुए कहा था- हो सकता है, जल्द ही कुछ और देश एक खास इकोनॉमिक डील का हिस्सा बनें। इनमें से कुछ नाम आपको चौंका भी सकते हैं।

इस डील की मुख्य  बातें

  • सबसे ज्यादा फायदा तीनों रीजन में पड़ने वाले गरीब और मिडिल इनकम वाले देशों को होगा। अमेरिका के डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जॉन फिनर ने मीडिया से कहा- इसके नतीजों के लिए 10 साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बहुत जल्द आप बहुत बड़ी तब्दीलियां देखेंगे।
  • प्रेसिडेंट बाइडेन के लिए यह समिट बहुत खास साबित हो रही है। वो चीन के मामले में नर्म माने जाते थे, लेकिन उन्होंने जबरदस्त जवाब दिया और दुनिया को BRI का विकल्प दे दिया। इसमें भारत समेत हर ताकतवर देश अमेरिका के साथ है।
  • अब मिडिल ईस्ट रीजन भारत और यूरोप के साथ न सिर्फ रेल बल्कि पोर्ट के जरिए भी सीधे जुड़ेगा। इससे हर किसी को फायदा होगा। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ऑयल इकोनॉमी को बिजनेस बेस्ड बनाना चाहते हैं। उन्हें मालूम है कि यह उनके विजन 2030 को पूरा करेगा।
  • अमेरिका के डिप्टी एनएसए फिनर ने खुद कहा- यह कितनी बड़ी कामयाबी है, इसका जल्द पता चलेगा। इस डील के बारे में लोग तब ज्यादा समझ पाएंगे, जब इसका काम शुरू होगा। इससे हर क्षेत्र में तनाव भी कम होगा।
  • हालिया वक्त में चीन की कोशिश रही है कि वो UAE और सऊदी अरब में दबदबा बढ़ाकर अमेरिका और भारत को यहां कमजोर करे। अब सऊदी क्राउन प्रिंस ने एक बार फिर अमेरिका के पाले में जाने की तरफ इशारा कर दिया है। ये इसलिए भी अहम है, क्योंकि कोरोना के दौर के बाद चीन की इकोनॉमी दिन-ब-दिन कमजोर हो रही है। पिछली चार तिमाही में उसका ग्रोथ रेट हर बार कम रहा है।
  • इकोनॉमी के लिहाज से देखें तो इस डील में शामिल हर देश तेजी से विकास कर रहा है। अब चूंकि यूरोपीय यूनियन भी इसका हिस्सा है तो आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि कम से कम 27 देश इस डील में सिर्फ इस यूनियन से होंगे।

पहले दिन के आखिर में ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की लॉन्चिंग हुई

  • PM मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित ब्राजील, अर्जेंटीना और इटली के राष्ट्राध्यक्ष भी मौजूद रहे। इसके बाद PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के लिए कनेक्टिविटी को बढ़ाना प्राथमिकता है।

क्या है बोयफ्यूल

  • बायोफ्यूल का मतलब पेड़-पौधों, अनाज, शैवाल, भूसी और फूड वेस्ट से बनने वाला ईंधन है. बायोफ्यूल्स को कई तरह के मायोमास से निकाला जाता है.
  • इसमें कार्बन की कम मात्रा होती है. अगर इसका इस्तेमाल बढ़ेगा तो दुनिया में पारंपरिक ईंधन पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा.
  • पहली बार साल 1890 में रुडोल्फ डीजल ने खेती केलिए इंटरनल कंबशन इंजन को चलाने के लिए वेजिटेबल ऑयल का इस्तेमाल किया था.

बायोफ्यूल कैसे बनता है

  • बायोफ्यूल बनाने के लिए अलग तरह के रिफाइनरीज का इस्तेमाल किया जाता है. इसको फसलों के भंडार के आधार पर कैटेगराइज किया जाता है.
  • फर्स्ट जेनरेशन बायोफ्यूल खाद्य फसलों के भंडार पर निर्भर करता है. फर्स्ट जेनरेशन यूनिट में गन्ने की फसल और ग्रेन स्टार्च को प्रोसेस किया जता है. जबकि सेकेंड जेनरेशन बायोफ्यूल को उन्नत बायोफ्यूल के तौर पर जाना जाता है. इसमें प्रोसेस नॉन-एडिबल प्लांट्स, वूडी बायोमास या भूसी में होता है.
  • थर्ड जेनरेशन बायोमास एल्गी और माइक्रोब्स से बनाया जाता है. फोर्थ जेनरेशन बायोफ्यूल कॉर्बन डाई आक्साइड को अवशोषित करने वाली बायोमास सामग्री पर निर्भर करते हैं.

सबसे ज्यादा बायोफ्यूल कहां बनता है

  • साल 2022 में दुनिया में सबसे ज्यादा एथेनॉल बनाने वाले देश अमेरिका और ब्राजील हैं. अमेरिका ने 57.5 अरब लीटर और ब्राजील ने 35.6 अरब लीटर एथेनॉल बनाया. जबकि बायोडीजल बनाने के मामले में यूरोप सबसे आगे रहा. वहां 17.7 अरब लीटर बायोडीजल का उत्पादन हुआ. उसके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका और तीसरे नंबर पर इंडोनेशिया है.

G20 Summit 2023 की क्या है थीम

  • G20 Summit 2023 की इस बार की थीम Vasudhaiva Kutumbakam है. इसका मतलब होता है, एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य.

क्या है G20 Summit 2023 का लोगो

  • भारत ने इस बार कमल के फूल के साथ धरती को अपना लोगो बनाया है. ये लोगो 3 रंग का है, जो इंडियन फ्लेग से लिया गया है. और ये रंग हैं- केसरिया, सफेद, हरा और नीला है.

क्या है G20 Summit 2023 का मोटो

  • भारत  की जी20 के लिए अध्यक्षता की भूमिका सदस्य देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने में मददगार साबित होगी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में उन देशों से निवेश आकर्षित करने का अवसर प्रदान करेगी.

G20 Summit 2023 का महत्व

  • G-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है, इस समूह के 19 देश सदस्य हैं ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है. जी-20 समिट का आयोजन साल में एक बार होता है हालांकि 2008 से शुरुआत के बाद 2009 और 2010 साल में जी-20 समिट का आयोजन दो-दो बार किया गया था.
  • इस सम्‍मेलन में ग्रुप के सदस्‍य देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष को बुलाया जाता है और कुछ अन्‍य देशों को भी बुलाया जाता है. इसके बाद सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष बैठकर कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं.
  • भारत की अध्‍यक्षता में इस साल जी-20 सम्‍मेलन दिल्‍ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने जा रहा है.

कितने देश लेंगे इस G20 Summit में हिस्सा

  • G20 Summit 2023 में इस बार 20 देश हिस्सा ले रहे हैं. जी-20 ग्रुप में भारत के अलावा फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, अमेरिका, यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया तथा 20वें सदस्य के तौर पर यूरोपीय संघ शामिल है.
  • ग्लोबल इकोनॉमी में करीब 80 फीसदी से ज्यादा का प्रतिनिधित्व करने वाले जी-20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए एक बड़ा मौका है.

You missed

Login

error: Content is protected !!