सोम. मई 20th, 2024

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने उपभोक्ताओं एवं खाद्य विक्रेताओं से स्वास्थ्य संबंधी खतरों के कारण भोजन की पैकिंग, परोसने और भंडारण के लिए समाचार पत्रों(newspapers) के उपयोग को बंद करने का निर्देश जारी किया है।

प्रमुख बिंदु

  • एफएसएसएआई के सीईओ जी. कमला वर्धन राव ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं, खाद्य विक्रेताओं और अन्य हितधारकों को खतरों के प्रति सचेत करना है।

भोजन को समाचार पत्र में उपयोग करने से संबंधित समस्याएँ

  • समाचार पत्रों में बायोएक्टिव सामग्रियों वाली स्याही होती है, जो भोजन को दूषित कर सकती है और स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकती है।
  • पुनर्चक्रित कागज़ के बक्सों में खनिज तेल और रसायन जैसे प्रदूषक भी हो सकते हैं, जो संभावित रूप से पाचन संबंधी समस्याएं और विषाक्तता पैदा कर सकते हैं।
  • मुद्रण वाली स्याही में सीसा और भारी धातुओं सहित विभिन्न रसायन हो सकते हैं, जो भोजन में घुल सकते हैं।
  • समाचार पत्र वितरण के दौरान विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के संपर्क में आते हैं, जिससे वे बैक्टीरिया एवं  वायरल संदूषण के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं।
  • अखबारों से निकलने वाले संदूषकों के सेवन से खाद्य जनित बीमारियाँ हो सकती हैं।
  • तले हुए भोजन से अतिरिक्त तेल निकलने के लिए अखबारों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
  • कमजोर समूहों जैसे कि बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को ऐसी सामग्रियों में पैक किए गए भोजन से कैंसर से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का अधिक खतरा होता है।
  • खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग) विनियम 2018 के अनुसार भोजन के भंडारण और लपेटने के लिए समाचार पत्र या इस तरह की सामग्री का उपयोग सख्त वर्जित है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI)

  • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की स्थापना स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त वैधानिक निकाय के तहत किया गया है।
  • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की स्थापना 5 सितंबर 2008 को किया गया।
  • इसका  मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की स्थापना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत हुआ है।

Login

error: Content is protected !!