शुक्र. मई 3rd, 2024
  • शार्क के शरीर के अंगों के अवैध व्यापार में तमिलनाडु शीर्ष पर है।
  • वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर-इंडिया (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया) और ट्रैफिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2010 से दिसंबर 2022 के बीच लगभग 16,000 किलोग्राम शार्क पंख जब्त किए गए।
  • हाल ही में आई ट्रैफिक रिपोर्ट ‘अवैध वन्यजीव व्यापार में लिप्त: भारत के शार्क’ ने भारत के अवैध शार्क व्यापार के बारे में चिंता जताई। इसने मौजूदा खतरों और संरक्षण संबंधी चिंताओं पर भी प्रकाश डाला।
  • कुल में से, शार्क के शरीर के अंगों का 65% अवैध व्यापार तमिलनाडु में हुआ है। इसके बाद कर्नाटक, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्य हैं।
  • शार्क के शरीर के हिस्से सिंगापुर, हांगकांग, श्रीलंका और चीन को निर्यात किए गए।
  • शार्क पंख सबसे अधिक मांग वाला शार्क उत्पाद है जिसका उपयोग ‘शार्क-फिन सूप’ बनाने के लिए किया जाता है।
  • शार्क के पंख और मांस की मांग वैश्विक शार्क मत्स्य पालन का एक प्रमुख कारक है।
  • भारत में कुल 160 शार्क प्रजातियों में से केवल 26 शार्क और रे को संशोधित वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत उच्चतम संरक्षण का दर्जा दिया गया है।
  • सीआईटीईएस (जंगली जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन) के परिशिष्ट I और II को अधिनियम की अनुसूची IV में सूचीबद्ध किया गया है।

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