शनि. मई 4th, 2024

भारत के प्रधानमंत्री (Prime Minister- PM) ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने के लिये लाल किले में आयोजित पराक्रम दिवस (23 जनवरी 2024) समारोह में भाग लिया।प्रधानमंत्री ने भारत पर्व (पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित) का भी शुभारंभ किया जो भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने तथा विभिन्न संस्कृतियों को प्रदर्शित करने के लिये आयोजित नौ दिवसीय कार्यक्रम है।पराक्रम दिवस के अवसर पर केंद्र ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों तथा संगठनों द्वारा दिये गए अमूल्य योगदान का सम्मान करने के लिये सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2024 की घोषणा की।

पराक्रम दिवस

  • भारत में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में वर्ष 2021 से प्रत्येक वर्ष पराक्रम दिवस मनाया जाता है।
  • “पराक्रम” शब्द का हिंदी अनुवाद साहस अथवा वीरता होता है जो नेताजी तथा भारत की स्वतंत्रता के लिये लड़ने वालों की प्रबल व साहसी भावना को दर्शाता है।
  • समारोह में अमूमन स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी की भूमिका के ऐतिहासिक महत्त्व को उजागर करने वाले विभिन्न कार्यक्रम एवं गतिविधियाँ शामिल होती हैं।
  • इस बड़े उत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रालय की ओर से भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, साहित्य अकादमी और भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार जैसे अपने सहयोगी संस्थानों की सहभागिता में किया गया।
  • इस उत्सव के एक हिस्से के तहत इस कार्यक्रम ने गतिविधियों की एक समृद्ध शृंखला की मेज़बानी की जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस तथा आज़ाद हिंद फौज की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करती हैं।
  • वर्ष 2022 में नेताजी की 125वीं जयंती को चिह्नित करते हुए इंडिया गेट के समीप नेताजी की प्रतिमा स्थापित की गई जहाँ वर्ष 1968 तक किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा थी।
  • 8 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास एक बड़ी मूर्ति अंततः नेताजी की होलोग्राफिक छवि की जगह ले लेगी।

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार

क्षेत्र मान्यता

  • भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिये सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की स्थापना की।

प्रशासित

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA की स्थापना आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत गृह मंत्रालय के तहत की गई थी)।

पुरस्कार

  • इस पुरस्कार की घोषणा प्रतिवर्ष 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाती है।
  • प्रमाण-पत्र के अलावा, इन पुरस्कारों में एक संस्थान के लिये 51 लाख रुपए और एक व्यक्ति के लिये 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
  • संस्थान नकद पुरस्कार का उपयोग केवल आपदा प्रबंधन से संबंधित परियोजनाओं के लिये कर सकता है।

योग्यता

  • इस पुरस्कार के लिये केवल भारतीय नागरिक और भारतीय संस्थान ही आवेदन कर सकते हैं।
  • भारत में रोकथाम, शमन, त्वरित बचाव, प्रतिक्रिया, राहत, पुनर्वास, अनुसंधान, नवाचार या पूर्व चेतावनी सहित आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कोई भी अनुभव प्राप्त नामांकित व्यक्ति या संगठन इसके लिये पात्र है।
  • SCBAPP- 2024: 60 पैराशूट फील्ड हॉस्पिटल, उत्तर प्रदेश को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिये, विशेष रूप से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं एवं संकटों के दौरान चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिये सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार- 2024 के लिये चुना गया है।
  • उत्तराखंड बाढ़ (2013), नेपाल भूकंप (2015) और तुर्की तथा सीरिया भूकंप (2023) जैसी घटनाओं के दौरान अस्पताल के काम को इसकी असाधारण सेवा के उदाहरण के रूप में उजागर किया गया है।

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