गुरु. मई 9th, 2024
  • नीति आयोग के सीईओ बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोग समृद्ध हो रहे हैं।
  • उन्होंने कहा कि नवीनतम उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के अनुसार गरीबी कम होकर पांच प्रतिशत पर आ गयी है।
  • राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने वर्ष 2022-2 के लिए घरेलू उपभोग व्यय पर डेटा जारी किया।
  • इस डेटा के मुताबिक 2011-12 की तुलना में 2022-23 में प्रति व्यक्ति मासिक घरेलू खर्च दोगुना हो गया है।
  • इस सर्वेक्षण में लोगों को 20 अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया है और सभी श्रेणियों के लिए प्रति व्यक्ति औसत मासिक व्यय ग्रामीण क्षेत्रों में 3,773 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 6,459 रुपये है।
  • यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो यह संभव हो सकता है कि आने वाले वर्षों में शहरी और ग्रामीण उपभोग एक समान हो जाएं।
  • शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में खपत तेजी से बढ़ रही है। 2011-12 में यह अंतर 84 प्रतिशत था और 2022-23 में घटकर 71 प्रतिशत हो गया है।
  • एनएसएसओ के सर्वे के मुताबिक अनाज और भोजन की खपत में कमी आई है। ग्रामीण इलाकों में अनाज की खपत कम हो गई है।
  • शहरी क्षेत्रों में अनाज और भोजन की खपत भी औसत एमपीसीई में हिस्सेदारी के रूप में 2011-12 में छह प्रतिशत से घटकर अब चार प्रतिशत से भी कम हो गई है।
  • खाने में लोग दूध ज्यादा पी रहे हैं, फल और सब्जियां ज्यादा खा रहे हैं।

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