रवि. मई 5th, 2024

महाराष्ट्र के सभी राज्य विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध कॉलेज में ट्रांसजेंडर श्रेणी के छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने का निर्णय लिया गया।

मुख्य बिंदु

  • 5 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिए महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा बैठक आयोजित की गई थी।
  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ राज्य स्तरीय बैठक के बाद राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने यह घोषणा की।
  • ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए उच्च शिक्षा के अवसरों में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य अपने लागत पर ट्रांसजेंडर छात्रों को मुफ्त शिक्षा देगी।
  • मंत्री ने राज्य विश्वविद्यालयों से ट्रांसजेंडर छात्रों की शिक्षा की लागत उन्हें उपलब्ध कराए गए फंड से वहन करने का आग्रह किया।
  • सभी कुलपतियों ने मंत्री द्वारा की गई अपील (ट्रांसजेंडर समुदाय के छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के लिए) को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।
  • 7 दिसंबर, 2023 को महाराष्ट्र सरकार ने उच्च शिक्षा संस्थानों में ट्रांसजेंडर छात्रों को फीस माफी का लाभ तकनीकी शिक्षा और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में भी देने का निर्णय लिया है।
  • महाराष्ट्र राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड (एमएसबीटीई) डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में छात्रों की फीस का खर्च वहन करेगा।
  • पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ प्रबंधन, इंजीनियरिंग जैसे अन्य सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रम पहले से ही विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों में ट्रांसजेंडरों के लिए शुल्क-माफी के निर्णय के अंतर्गत आते हैं।
  • डिप्लोमा पाठ्यक्रम MSBTE द्वारा विनियमित होते हैं। इसलिए इसके लिए एक विशिष्ट निर्देश की आवश्यकता थी।
  • हाल ही में, केसी लॉ कॉलेज ने महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) सेल द्वारा आयोजित केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से एलएलबी पाठ्यक्रम के अपने नए बैच में एक ट्रांसजेंडर छात्र को प्रवेश दिया है।
  • मुंबई विश्वविद्यालय तथा संबद्ध कॉलेजों में वर्तमान में 7 ट्रांसजेंडर छात्र पढ़ रहे हैं।

उद्देश्य

  • इस कदम का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों को ट्रांसजेंडर समुदाय के छात्रों के लिए अधिक न्यायसंगत बनाना है।
  • शिक्षा सशक्तीकरण के माध्यम से ट्रांसजेंडर समुदाय को अधिक समावेशी समाज में बराबरी के साथ अपना उचित स्थान मिलने की उम्मीद है।
  • यह समाज के वंचित वर्ग में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने और उन्हें मुख्यधारा में लाने का एक प्रयास है।

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