सोम. मई 6th, 2024

ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानिक योजना को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक कदम में, पंचायती राज मंत्रालय ने भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) एप्लिकेशन की शुरुआत की, जिसे “ग्राम मानचित्र” के नाम से जाना जाता है। यह नवोन्वेषी एप्लिकेशन ग्राम पंचायतों को उनके नियोजन प्रयासों में सशक्त बनाने के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाता है।

ग्राम मानचित्र और mActionSoft

ग्राम मानचित्र

  • ग्राम मानचित्र का प्राथमिक लक्ष्य भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी की क्षमताओं का लाभ उठाते हुए ग्राम पंचायतों की स्थानिक योजना पहल को प्रोत्साहित करना है।
  • यह एप निर्णय लेने में सहायता करके ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) का समर्थन करता है।

विशेषताएँ

  • एकीकृत भू-स्थानिक मंच: ग्राम मंच एक एकल और एकीकृत मंच है, जो ग्राम पंचायत स्तर पर विकासात्मक परियोजनाओं एवं गतिविधियों की दृश्यता की सुविधा प्रदान करता है।
  • क्षेत्र-वार योजना: यह ग्राम पंचायतों को ग्रामीण विकास के लिये समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हुए विभिन्न क्षेत्रों में विकासात्मक कार्यों की योजना बनाने और निष्पादित करने में सक्षम बनाता है।
  • विकास योजना उपकरण: उपकरण में परियोजना स्थल की पहचान, परिसंपत्ति ट्रैकिंग, लागत अनुमान और परियोजना प्रभाव मूल्यांकन शामिल हैं।

mActionSoft

  • mActionSoft एक मोबाइल-आधारित समाधान है जो एसेट आउटपुट वाले कार्यों के लिये जीपीएस निर्देशांक के साथ जियो-टैग की गई तस्वीरें कैप्चर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • संपत्तियों की जियो-टैगिंग तीन चरणों में होती है: काम शुरू होने से पहले, काम के दौरान और काम पूरा होने पर।
  • यह प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जल संचयन, स्वच्छता, कृषि और अन्य से संबंधित विभिन्न कार्यों पर जानकारी का एक व्यापक भंडार स्थापित करता है।

विशेषताएँ

  • जियो-टैगिंग: पंचायतों द्वारा पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने वाली तस्वीरों के साथ वित्त आयोग निधि के तहत संपत्तियों को जियोटैग करना।
  • mActionSoft का उपयोग करके जियो-टैग की गई संपत्तियाँ ग्राम पंचायत में विकासात्मक कार्यों के दृश्य को समृद्ध करते हुए ग्राम मंच के साथ सहजता से एकीकृत हो जाती हैं।

पृष्टभूमि

  • भौगोलिक सूचना प्रणाली: यह एक ऐसी तकनीक है जो भौगोलिक या स्थानिक डेटा को कैप्चर, प्रबंधित, विश्लेषण और प्रस्तुत करती है।
  • यह उपयोगकर्त्ताओं के लिये डेटा को पृथ्वी की सतह पर स्थित स्थानों से जोड़कर देखने, व्याख्या करने और समझने की अनुमति देती है।
  • GIS इंटरैक्टिव मानचित्र और मॉडल बनाने के लिये जानकारी की विभिन्न परतों जैसे मानचित्र, उपग्रह इमेजरी और डेटा तालिकाओं को जोड़ती है।
  • इसका उपयोग शहरी नियोजन, पर्यावरण विश्लेषण, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, आपातकाल प्रतिक्रिया आदि जैसे विविध क्षेत्रों में किया जाता है, जो स्थानिक जानकारी से संबंधित निर्णय लेने एवं समस्या-समाधान में सहायता करता है।
  • जियो-टैगिंग: यह विभिन्न मीडिया जैसे- चित्र, वीडियो, वेबसाइट तथा अन्य दस्तावेज़ों में भौगोलिक पहचान जोड़ने की प्रक्रिया है।
  • इसमें मेटाडेटा संलग्न करना शामिल है, अमूमन GPS, मीडिया के निर्माण अथवा कैप्चर स्थान के संबंध में सटीक भौगोलिक विवरण देने के लिये इन फाइलों को समन्वयित करता है।
  • यह उपयोगकर्त्ताओं को सामग्री से जुड़े सटीक भौगोलिक स्थान को इंगित करने, उसके स्थान के आधार पर डेटा के संगठन, खोज और मानचित्रण की सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
  • इससे उपयोगकर्त्ताओं के लिये जानकारी से जुड़ी सटीक भौगोलिक स्थिति की पहचान करना संभव हो जाता है, जिससे डेटा को उसके स्थान के अनुसार व्यवस्थित करना, खोजना तथा मैप करना आसान हो जाता है।

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