शनि. मई 4th, 2024

मिजोरम विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग के शोधकर्ताओं ने राज्य में मूंगा सांप की एक नई प्रजाति की खोज की है।

प्रमुख बिंदु

  • 10 जनवरी 2024 को ब्रिटिश विज्ञान पत्रिका, सिस्टमैटिक्स एंड बायोडायवर्सिटी (टेलर एंड फ्रांसिस ग्रुप) में प्रकाशित ‘दो सहानुभूति मूंगा सांपों (रेप्टिलिया: एलापिडे) के सिस्टमैटिक्स का पुनर्मूल्यांकन’ शीर्षक से इस नई प्रजाति का अनावरण किया गया।

मूंगा साँप सिनोमिकुरस गोरेई

  • ब्रिटिश भारतीय डॉक्टर गोरे के नाम पर इसका नाम सिनोमिकुरस गोरेई रखा गया है।
  • इसको स्थानीय तौर पर “रूल थी हना” (Rul Thi Hna) के नाम से जाना जाता है।
  • यह मिज़ो संस्कृति के पारंपरिक एम्बर ‘हिहना’ (Thi Hna) से काफी मिलती-जुलती है।
  • विश्व में सिनोमिकुरस कोरल सांपों की कुल 9 प्रजातियां खोजी गई हैं।
  • इनमें से सिनोमिकुरस मैकलेलैंडी नामक केवल एक प्रजाति पूर्वोत्तर भारत में पाई जाती है।
  • इसमें अद्वितीय पैटर्न और विभिन्न पैमाने, हेमिपेनिस, डीएनए और खोपड़ी हैं।
  • इस शोध तक, सिनोमिकुरस गोरेई को उनकी घनिष्ठ समानता के कारण सिनोमिकुरस मैकलेलैंडी के समान प्रजाति माना जाता था।
  • सिनोमिकुरस मैकलेलैंडी एक समय में 6-14 अंडे दे सकती है, वहीं सिनोमिकुरस गोरेई तीन अंडे तक देती है।
  • सिनोमिकुरस मैकलेलैंडी मुख्य रूप से ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है, जबकि सिनोमिकुरस गोरेई निचले पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है।

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