भारत के राष्ट्रपति ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित भारत मंडपम, नई दिल्ली में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 प्रदान किये।इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से सबसे स्वच्छ शहर का खिताब दिया गया। शहरी क्षेत्रों की वार्षिक स्वच्छता रैंकिंग में महाराष्ट्र ने राज्यों में शीर्ष स्थान हासिल किया।
स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 की प्रमुख विशेषताएँ
- MoHUA द्वारा वर्ष 2016 से आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण, दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता और सफाई सर्वेक्षण है।
- यह नागरिकों को सेवा वितरण में सुधार लाने और शहर को स्वच्छ बनाने की दिशा में कस्बों तथा शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा की भावना को बढ़ावा देने में सहायक रहा है।
- यह प्रतिवर्ष शहरों की बढ़ती संख्या को कवर करते हुए विकसित हुआ है। वर्ष 2023 में 4,416 शहरी स्थानीय निकाय, 61 छावनियाँ एवं 88 गंगा के किनारे वाले शहर शामिल थे।
- शहरों की रैंकिंग: इंदौर ने लगातार 7वें वर्ष अपना शीर्ष स्वच्छ शहर का खिताब बनाए रखा है। हाल के वर्षों में इंदौर के बाद लगातार दूसरे स्थान पर रहने वाले सूरत ने पहली बार शीर्ष स्थान का पुरस्कार प्राप्त किया है।
- यह वर्ष 2016 के बाद से वार्षिक पुरस्कारों में शीर्ष पुरस्कार साझा करने वाले दो शहरों का पहला उदाहरण है।
- दोनों शहरों ने 100% डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, 98% स्रोत पृथक्करण और 100% कचरा निपटान का लक्ष्य प्राप्त किया।
- नवी मुंबई ने तीसरा सबसे स्वच्छ शहर का स्थान प्राप्त किया।
मूल्यांकन में प्रमुख मापदंड: स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 रैंकिंग में विभिन्न कारकों पर विचार किया गया, जिनमें शामिल हैं:
- डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण
- स्रोत पृथक्करण
- सार्वजनिक क्षेत्रों की स्वच्छता
- स्वच्छ जल निकाय
- शहर की स्वच्छता पर नागरिकों की प्रतिक्रिया
शीर्ष स्वच्छ राज्य का पुरस्कार: महाराष्ट्र ने 89.24% घर-घर कचरा संग्रहण एवं 67.76% स्रोत पृथक्करण के साथ सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार जीता।राज्य स्वच्छता रैंकिंग में मध्य प्रदेश ने दूसरा स्थान हासिल किया।
निम्न प्रदर्शन वाले पाँच राज्य: अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम, राजस्थान, नगालैंड तथा त्रिपुरा को स्वच्छता में निम्न प्रदर्शन वाले पाँच राज्यों के रूप में स्थान दिया गया।
अन्य विशिष्ट पुरस्कार: स्वच्छता कर्मचारियों के लिये सर्वोत्तम सुरक्षा मानकों वाले शहर के लिये चंडीगढ़ को सफाईमित्र सुरक्षित शहर पुरस्कार प्रदान किया गया।वाराणसी को सबसे स्वच्छ गंगा शहर के रूप में मान्यता दी गई।महाराष्ट्र के सासवड ने 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों में सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार अर्जित किया।महू छावनी को देश की सबसे स्वच्छ छावनी घोषित किया गया।